बसंती : (सरमाकर हसते) चलीये पतीदेव.. दो पहोरको आरामके वक्त अपनी सारी तम्मना पुरी करलेना..
मुना : (हसते) येस डार्लीग.. हें..हें..हें..
फीर दोनो घरको ताला लगाकर साथमे चलने लगे.. जैसे कोइ पती पत्नी जा रहे हो.. तभी उसी वक्त दोनोको श्रीधर ओर ब्रीन्दा भी उनकी तराह सजधजके साथ चलते नजर आये.. तो दोनोकी हसी नीकल गइ.. जैसेही दोनो पास आये तो ब्रीन्दा ओर बसंती भी सरमाकर हसते आपसमे गले लग गइ.. जैसे दोनो अेक दुसरेका राज जानती हो.. तो श्रीधर ओर मुनाभी हसकर अेक दुसरेके गले लग गये.. ओर हस हसके बाते करते चारो साथ चलने लगे.. तो चलते चलते दोनो हस हसके बाते करते श्रीधर ओर मुनाके पीछे चल रही थी..
ब्रीन्दा : (हसते धीरेसे) कहीये बसंती बहेन कैसी चल रही हे जींदगी..? बहुत मजा आ रहा हेनां..?
बसंती : (हसते धीरेसे) ब्रीन्दा बहेन.. जैसे आपकी जींदगी चल रही हे.. अैसे ही मेरी चल रही हे.. क्युकी आपको तो सबकुछ पता होगा.. हमारे बैटे जो आपसमे अच्छे दोस्त हे.. दोनो अेक दुसरेसे कोइ बात नही छुपाते.. क्या ये सच हेनां..?
ब्रीन्दा : (सरमाकर मुस्कुराते धीरेसे) हां.. कमीने सभी दोस्त अैक जैसे ही हे.. बसंती बहेन प्लीज.. ये राज सीर्फ हम दोनोके बीच ही रखना..
बसंती : (मुस्कुराते) अरे ब्रीन्दा बहेन फीकर मत करो.. हम दोनो अेक ही कस्तीमे सवार हे.. तो अब हम दोनोके बीच कैसा पर्दा..? हमारी भी कुछ जरुरते हे.. तो हम कहा पुरी करेगे..? बहार तो हमारी बदनामी होगी.. तो इनसे अच्छा हे घरकी बात घरमे ही रहे.. क्या भाइ साहेबने आपको डिवोर्स देदीया..?
ब्रीन्दा : (सरमाकर मुस्कुराते) नही.. बस मे उन्हीका इन्तजार कर रही हु.. कमीना अपनी भाभीके साथ सादी करना चाहता हे..
बसंती : (मुस्कुराते) क्या वो वृन्दा बहेन आपके ताउकी लडकी हेनां..? अब आपके जेठ भीतो बुढे हो गये हे.. तो बेचारी कहा जायेगी.. हें..हें..हें..
ब्रीन्दा : (मुस्कुराते धीरेसे) नही बसंती बहेन.. कमीनी वो कोइ बेचारी नही हे.. उन दोनोके बीच मेरी सादीसे पहेले ही चकर था.. पता नही मे यहा कहा फस गइ.. ये तो अच्छा हुआ मेरे बेटेने सब सम्हाल लीया.. वरना मे तो टुट जाती..
बसंती : (सरमाकर मुस्कुराते) ब्रीन्दा बहेन.. क्या आप श्रीधर भाइको अबभी अपना बेटा कहेती हो..? क्या आपने श्रीधर भाइसे सादी करली हेनां..? मुनाजी केह रहे थे आप दोनोने सहेर जाकर सादी करली हे.. ओर हमारे ठाकुरके बंगलेपे ही थे.. जहा आप दोनोने अपनी सुहागरात भी मनाली हे..
ब्रीन्दा : (बहुत ही सर्मसार होते धीरेसे) हां.. प्लीज अभी ये बात कीसीको कहेयेगा नही.. खास करके मेरी बहु जयश्रीको.. वरना उनको बुरा लगेगा.. क्या आपने मुना भाइसे सादी करली..?
बसंती : (सरमाकर मुस्कुराते) अरे नही.. अभी उनके बापु जीन्दा हे.. तो नही कर सकती..
ब्रीन्दा : (मुस्कुराते धीरेसे) अच्छा.. ये तो आप उनको मुनाजी केह रही हे.. इसीलीये पुछ रही थी.. तो फीर दोनोने कुछ कीया बीया की नही..? अैसे ही तो मजे कर सकती हो.. हमे भी सादीकी वजहसे बडी मुस्कीलसे मीलनेका मौका मीला हे.. तो आज मील गये.. हें..हें..हें..
बसंती : (सरमाकर हसते) सभी दोस्तो कमीने हे.. क्या अैसा मौका कोइ जाने देते हे.. हमारी बहुअे इधर सादीमे आइ हे.. तो आज दोनोको मौका मील गया.. आज हम दुसरी बार मीले.. मेरी तो अेक ही बारमे हालत खराब करदी.. ओर अभी भी उनको करना था.. लेकीन सादीमे भी तो आना था.. तो मैने मना करदीया.. अब तो यही मेरे पती हे.. मैने दिलसे इनको पती मानलीया हे.. इसीलीये मुनाजी केह रही हु..
ब्रीन्दा : (सरमाकर हसते) बसंती बहेन.. मेरा भी यही हाल हे.. पता नही मुना भाइने सबको कौनसी जडी बुटी दी हे.. मेरी भी अेक ही बारमे हालत खराब कर देते हे.. लेकीन मजा भी तो बहुत आता हे.. क्या आजसे हम दोनो पक्की सहेली..? हंम..
बसंती : (मुस्कुराते हाथ मीलाते) हंम.. लेकीन अेक सर्त पे.. हम दोनो अेक दुसरेके साथ कोइ राज नही छुपायेगे.. सबकु बाते सेर करेगे.. बोलो सर्त मंजुर हे.. तो हम आजसे पकी सहेली हे.. हें..हें..हें..
ब्रीन्दा : (सरमाते हसते) ठीक हे.. आपकी सर्त मंजुर हे.. आजसे हम दोनो पकी सहेली.. क्या इस बारेमे बरखाको सब पता हे..?
बसंती : (मुस्कुराते) हां.. कमीनी वो खुद चाहती हे.. की मे मुनाजीसे सादी करलु.. हें..हें..हें.. क्या आपकी बहु जयश्रीको सब पता हे..?
ब्रीन्दा : (मुस्कुराते थोडा मायुस होते) नही.. अभी उनको कुछ भी पता नही हे.. बस उनका ही डर लग रहा हे.. आप बरखाको कहीयेनां.. बातो ही बातोमे वो जयश्रीको समजाये..
बसंती : (मुस्कुराते) ठीक हे.. अब वो आप मुजपे छोड दीजीये.. मेरी बरखा सबकुछ सम्हाल लेगी..
दोनो ही बाते करते अेक दुसरेके साथ अपने राज सेर कर रही थी.. ओर धीरे धीरे मुना श्रीधरके पीछे चल रही थी.. जैसे दोनो उनकी बीवीया हो.. ओर बातोही बातोमे ब्रिन्दाने बातोका दौर सम्हाल लीया.. ओर धीरे धीरे करते बंसतीसे मुना ओर उनके बीच रीलेशनकी सब बाते उगलवाने लगी.. तो बसंती भी उनके ओर श्रीधरके बारेमे सब जानती हे कहेते वो भी ब्रिन्दा ओर श्रीधरके रीलेशनके बारेमे सभी बात जानने लगी..
ओर दोनो सामत भाइके घरपे जाकर भी पास पास बैठकर बाते करती रही.. आज बाते करते ब्रिन्दा ओर बसंती अेक दुसरेकी राजदार हो गइ थी.. ओर पकी सहेलीया बन चुकी थी.. फीर ब्रिन्दाने उनके परीवारके बारेमे सबकुछ बता दीया की वो ओर उनके पती डीजोर्स ले रहे हे.. तो बसंतीने भी मुनाके साथ सादी करनेकी अपनी इच्छा जाहीर करदी.. दोनो सहेलीया धीरे धीरे हस हसके बाते कर रही थी..