जैसेही देवायत नीचे आया तब नीर्मला ओर भुमीका नीचे होलमे कंपलीट तैयार होकर बैठी थी.. तो देवायतको देखते ही दोनो उनपे भडक गइ.. ओर देवायतको मुके मारने लगी.. क्युकी आज उनके पास देवायतको मीलनेका बहुत अच्छा मौका था.. लेकीन चंदाकी वजहसे वो दोनोको नही मील सका.. क्युकी चंदाको अभी तक भुमीका ओर देवायतके रीलेशनके बारेमे नही पता था..
नीर्मला : (सरमाकर मुस्कुराते) देवु.. आपको जरासी भी सरम नही आती..? हम दोनोने आपको कीतना इसारा कीया.. आज हमे मीलनेका कीतना अच्छा मौका था..? इसीलीये तो हम आराम करनेके बहाने यहा रुके थे..
देवायत : (मुस्कुराते) यार तुम दोनो समजती ही नही.. अभी तक चंदाको हमारे रीस्तेके बारेमे नही पता.. ओर आज मंजुने भी उनका काम करनेको कहा था.. बेचारीकी आज हालत पतली होगइ हे.. हें..हें..हें..
भुमीका : (जोरोसे पीठमे मुका मारते सरमाते धीरेसे ) हां हम दोनो उपर देखने आइ थी.. आपतो बीना रहेम खाये बेचारीकी धमाकेदार चुदाइ कर रहे थे.. कोइ अपनी बीवीको इतनी बेहरहेमीसे चोदता हे क्या..?
देवायत : (हसते धीरेसे) तुम दोनोको पता नही.. वो खुद कीतनी चुदाइ करवाने की सौकीन हे.. हम दोनोने हमारी सादीसे पहेले पुरी पुरी रात प्यार कीया हे.. ओर आज तो उनका काम भी करना था..
नीर्मला : (हसते आस्चर्यसे देखते धीरेसे) देवु.. कौनसा काम..?
देवायत : (मुस्कुराते बाहोमे भरते) अरे मेरी भोली डार्लींग.. आज उनको प्रेगनेन्ट कर दीया हे.. हें..हें..हें..
नीर्मला : (खुसीसे हसते) क्या..? क्या सचमे चंदाको प्रेगनेन्ट कर दीया..? ओ..ह.. गो..ड..
भुमीका : (खुसीसे हसते धीरेसे) नीमु.. तुजेतो पता हे सब.. हमारी मंजुको सब पता चल जाता हे.. ओर ये सब हमारे पतीने उसीके कहेनेपे तो कीया हे.. हें..हें..हें.. (सरमाते हसते) नीमु.. मुजे भी इसी तराह प्रेगनेन्ट कीया हे..
नीर्मला : (सरमाते धीरेसे होंठ चुमते) देवु.. कास.. मे भी आपका बच्चा पैदा कर सकती.. सबकी बाते सुनकर बहुत इच्छा होती हे.. क्या मुजे प्रेगनेन्ट नही कर सकते..? जानु.. कोसीस करोनां..
देवायत : (आंख गीली करते) नीमु.. सोरी यार.. लेकीन मंजुने जो भी मुजसे कहा हे.. आइ प्रोमीस.. अगले जन्ममे सबसे पहेले तुही मेरी बीवी होगी ओर सबसे पहेले तुही प्रेगनेन्ट होगी.. आइ लव यु..
भुमीका ओर नीर्मला : (दोनो बाहोमे समाते) जानु.. आइ लव यु टु..
नीर्मला : (मुस्कुराते होंठ चुमकर) जानु.. अब चंदाको हमारे रीस्तोके बारेमे बतादोनां.. हम उनकी हाजरी मे आपको मील भी नही सकती..
देवायत : (मुस्कुराते) नही नीमु.. अगर बताना होता तो अबतक उसे मंजुने बता दीया होता.. वो सब काम मेरा नही हे.. वो सीर्फ मंजु ही बता सकती हे..
तभी बहाकी ओर दरवाजा खुलनेकी आवाज आइ.. तो देवायत नीर्मला ओर भुमीकाको छोडकर उनसे थोडा दुर जाकर बैठ गया.. तभी पुनम ओर सृती घरपे आगइ.. तब नीर्मला भुमीका ओर देवायत बाते करने लगे.. तभी सृतीने चंदाके बारेमे पुछा तो नीर्मला ओर भुमीका दोनो ही सरमा गइ.. ओर उपरकी तरफ इसारा करते हसने लगी.. तो सृती ओर पुनम दोनो समज गइ की आज दो पहोरको चंदाकी कुटाइ होगइ हे.. ओर दोनो मुस्कुराते उपरकी मंजीलपे चली गइ.. तो वहा चंदा अभी भी नंगी लेटे नींदकी आगोसमे थी..
तभी सृतीने उसे जगाया.. तो चंदा दोनोको देखके हडबडा गइ.. अपने आपको पुरी तराह नंगी देखकर सरमके मारे जल्दीसे बेडपे बैठ गइ ओर मुस्कुराते अपने कपडे लेकर जल्दीसे बाथरुममे घुस गइ.. ओर नहाते अपने आपको सही करने लगी.. फीर कुछ देरके बाद कपडे पहेनकर बहार आइ.. तब सृती ओर पुनम उनकी ओर देखकर जोरोसे हसने लगी.. तब चंदा भी सरमाइ ओर मुस्कुराते सृतीको पीठमे मुका मारने लगी..
चंदा : (सर्मसार होते मुस्कुराते) कमीनी.. हस क्यु रही हे..? तु भी तो हमारे पतीको अैसे ही मीलती हे..
सृती : (हसते) हां दीदी.. लेकीन आपके तो मजे हे.. हें..हें..हें.. हो गइ कुटाइ..? दोनोने कीतनी बार कीया..?
चंदा : (सर्मसार होते हसते) तु बहुत कमीनी हे.. कैसी सौतन हे मेरी..? पुछकर मजे ले रही हे.. तुजे तो सब पता तो हे.. की हम अकेले उनसे मीलती हे तो क्या होता हे.. दो बारसे पहेले वो कहा हमे छोडते हे.. हें..हें..हें.. सृती.. अभी पुनम इधर हेतो मे क्या कहु..? आज तो उसने मुजे लुट ही लीया.. लगातार तीन बार मेरी कुटाइ हो गइ.. हें..हें..हें..
पुनम : (हसते) भाभी.. आज आपका काम हो गया हे.. देखना कुछ महीनोके बाद आप भी मुजे अेक प्यारीसी भतीजी देगी.. आज मे बहुत खुस हु..
चंदा : (बहुत ही सर्मसार होते मुस्कुराते) पुनो दीदी.. क्या आपको भी तो सब पता चल जाता हे.. तो क्या सचमे देवुने मुजे प्रेगनेन्ट करदीया हे..? तब तो आपके मुहमे घी सकर.. क्युकी मेरी तो कबकी तमना थी.. की मे आपके भाइके बच्चेकी मां बनु..
पुनम : (मुस्कुराते) हां भाभी.. ये सच हे.. ओर हमसे सरमाइअे मत.. मुजे भी सब पता हे.. की भाइ खाना खाते ही आपको लेकर उरप आगये थे.. बस.. हमे आनेमे थोडी देर होगइ.. वरना हम दोनो भी आपका लाइव सो देखती.. हें..हें..हें..
चंदा : (हसते पुनमको मुका मारते) देखा सृती.. हमे कैसी ननंद मीली हे..? मस्ती करनेका अेक भी मौका नही छोडती.. अब चलो.. चलना नही हे क्या..? दीदीके सामने बहुत सरम आयेगी..
पुनम : (हसते) भाभी.. इसीलीये तो हम आपको जगाने आये हे.. चलीये नीचे सब हमारा इन्तजार कर रहे हे.. अभी चाइ नास्ता भी बनाना हे.. फीर आरामसे घर चलते हे.. वहा जाकर सादीमे भी जाना होगा..
नीचे आकर सृती ओर पुनमने चाइ नास्ता बना लीया.. ओर सबने साथमे बैठकर चाइ नास्ता करलीया.. फीर सृतीने अच्छेसे घरको ताला लगा दीया ओर सब लोग वहासे नीकल गये.. तो इसी बीच दोपहोरको सामत भाइके घरपे सबका भोजन होगया था.. तब श्रीधर ब्रीन्दाको घरपे छोडनेका बहाना बनाकर ब्रीन्दाके साथ अपने घरपे चला गया.. तो घरपे वृन्दा अपने रुममे आराम कर रही थी..