• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Incest रिस्तो मे प्यारकी अनुभुती

dilavar

Active Member
1,014
2,389
144
दोस्तो आप सभी पाठकोने मेरी पहेली कहानी ये केसी अनुभुती आप लोगोने मुजे उत्साहीत करके जो प्यार दीया और आप लोगोने मुजे दुसरी कहानी रिस्तो मे प्यारकी अनुभुती लीखनेको प्ररीत कीया मे आप सभी लोगोका दीलसे आभार व्यक्त करके स्वागत करता हु और आपहीकी डिमांडपे आज दुसरी कहानी लीखने जा रहा हु यही समजलो ये कहानीका दुसरा पार्ट हे आशा हे आप लोग मुजे कोमेन्ट करते उत्साहीत करके वोही प्यार देगे

जाहीरसी बात हे मेने मेरी पहेली कहानी
ये केसी अनुभुती मेंही दुसरी कहानीका उलेख करदीया था तो इस कहानीमे वोही केरेक्टर दुसरे जन्म लेके आयेहे ओर यही सब शक्तिया इस जन्ममे प्राप्त करेगे पर इस बार कहानीमे इन्सेस्ट रीलेशनके साथ भरपुर प्यार (सेक्स) ओर अ‍ेक्शनभी होगा ताकी कहानीमे थोडा सस्पेन्स बना रहे ओर सब केरेक्टरका जरुरतके हीसाबसे बीच बीचमे परीचय देता रहुगा ताकी सब केरेक्टरको आप याद रख सके
Update 1Update 2Update 3Update 4Update 5
Update 6Update 7Update 8Update 9Update 10
Update 11Update 12Update 13Update 14Update 15
Update 16Update 17Update 18Update 19Update 20
Update 21Update 22Update 23Update 24Update 25
Update 26Update 27Update 28Update 29Update 30
Update 31Update 32Update 33Update 34Update 35
Update 36Update 37Update 38Update 39Update 40
Update 41Update 42Update 43Update 44Update 45
Update 46Update 47Update 48Update 49Update 50
Update 51Update 52Update 53Update 54Update 55
Update56Update 57Update 58Update 59Update 60
Update 61Update 62Update 63Update 64Update 65
Update 66Update 67Update 68Update 69Update 70
Update 71Update 72Update 73Update 74Update 75
Update 76Update 77Update 78Update 79Update 80
Update 81Update 82Update 83Update 84Update 85
Update 86Update 87Update 88Update 89Update 90
Update 91Update 92Update 93Update 94Update 95
Update 96Update 97Update 98Update 99Update 100
Update 101Update 102Update 103Update 104Update 105
Update 106Update 107Update 108Update 109Update 110
Update 111Update 112Update 113Update 114Update 115
Update 116Update 117Update 118Update 119Update 120
Update 121Update 122Update 123Update 124Update 125
Update 126Update 127Update 128Update 129Update 130
Update 131Update 132Update 133Update 134Update 135
Update 136Update 137Update 138Update 139Update 140
Update 141Update 142Update 143Update 144Update 145
Update 146Update 147Update 148Update 149Update 150
Update 151Update 152Update 153Update 154Update 155
Update 156Update 157Update 158Update 159Update 160
Update 161Update 162Update 163Update 164Update 165
Update 166Update 167Update 168Update 169Update 170
Update 171Update 172Update 173Update 174Update 175
Update 176Update 177Update 178Update 179Update 180
Update 181Update 182Update 183Update 184Update 185
Update 186Update 187Update 188Update 189Update 190
Update 191Update 192Update 193Update 194Update 195
Update 196Update 197Update 198Update 199Update 200




Update 201Update 202Update 203Update 204Update 205
Update 206Update 207Update 208Update 209Update 210
 
Last edited:

urc4me

Well-Known Member
21,701
36,102
258
Romanchak. Pratiksha agle rasprad update ki
 
  • Like
Reactions: dilavar

Mahesh007

Well-Known Member
6,847
7,653
188
Kahani bahut dhime chal rahi he
 
  • Like
Reactions: dilavar

dilavar

Active Member
1,014
2,389
144
रिस्तोमे प्यारकी अनुभुती
अध्याय - १९३

तब पुनम की चुत अ‍ेक बार फीर गीली होने लगी.. तो वो बहुत ही सरमाने लगी.. तभी पुनमने खडी होते भावनाको रुममे चलनेका इसारा कीया.. तो भावना ओर पुनम खडी होकर पुनमके रुममे चली गइ.. फीर कुछ देरके बाद लखन भी उपर सोने जाने लगा.. तो मंजु लखनकी तकलीफ समज गइ थी.. तभी सब लोग सोने के लीये खडे हो गये.. तब मंजु लखनके साथ चलने लगी.. तो नीर्मला ओर भुमीका अपने रुममे जाने लगी.. तभी मंजुने लखनको सीडीयोके पास ही रोकलीया.. तो लखन सीडीपे ही रुक गया....अब आगे

लखन : (मुस्कुराते) हां भाभीमां.. कहीये.. क्या कुछ काम था..?

मंजुला : (मुस्कुराते पास आकर) हां.. बीटु.. मुजे पता हे अभी तुजे क्या प्रोबलेम हे.. वो जडी बुटीसे तुजे कोइ तकलीफ तो नही हुइ..? हंम..?

लखन : (थोडा सरमाते मुस्कुराते) जी.. नही.. भाभीमां.. वो.. वो.. अब सब ठीक हे.. कोइ तकलीफ नही हे..

मंजुला : (मुस्कुराते) बीटु.. मे जानती हु तुम पुनोसे क्या पुछना चाहते हो.. अगर सब ठीक होगया हे.. तो तुम अपनी लाइफ पहेलेकी तराह नोर्मल जी सकते हो.. अब कीसीको कुछ पुछनेकी जरुरत नही हे.. ओके..?

लखन : (सरमाकर हसने लगा) जी.. जी भाभीमां.. मोम.. आइ लव यु.. बस.. अ‍ेक आप ही मेरी मां हो.. जो मेरी सब तकलीफ बीना बताये समज जाती हो.. थेन्क्स मोम..

मंजुला : (मुस्कुराते) हंम.. बीटु.. लव यु टु.. मे तेरी मां ही हु.. अगर कोइ परेसानी होतो मुजे कहेना.. जा अब सोजा.. अ‍ेक बार सादी नीपटजाने दे.. फीर मुजे तुमसे भी बुछ बाते कहेनी हे..

लखन : (मुस्कुराते) भाभीमां अभी केहीयेनां..

मंजुला : (मुस्कुराते) नही.. अभी नही.. जब आप सहेर जाओगे इनसे पहेले मे आपको बता दुगी.. अभी जाकर सोजाओ.. बहुत रात हो चुकी हे..

लखन : (मुस्कुराते जाते) नी भाभीमां.. गुड नाइट..

मंजुला : (जाते) हंम.. गुड नाइट..

कहातो लखन बहुत खुस होते हसते हुअ‍े उपर चला गया.. तो मंजु उसे खुस होते देखकर हसने लगी.. ओर अपने रुममे चली गइ.. तब देवायत सृतीकी दुसरी बार धमाकेदार चुदाइ कर रहा था.. तो सृतीकी हालत पतली होगइ थी.. मंजु दोनोकी ओर देखते हसने लगी.. तो सृतीकी हसी भी नीकल गइ.. ओर हाथके इसारोसे मंजुको भी अपने पास बुलाने लगी.. तो मंजु अपने सब कपडे नीकालने लगी.. ओर हसते हुअ‍े नां मे गरदन हीलाते नंगी होकर नीचे गदा बीछाकर देवायतका इन्तजार करने लगी.. तभी..

सृती : (सरमाते धीरेसे) अरे मंजु आनां.. देख जालीम कीतना जोसमे करते हे.. मुजपे कोइ रहेम भी नही करते.. लेकीन आता हे बहुत मजा.. अ‍ैसा लगता हे मे स्वर्गमे हु.. ओर इनसे चुदवाती ही रहु..

मंजुला : (मुस्कुराते) कमीनी अभी तो तुही चुदवाले.. फीर तु सहेर चली जायेगी.. तो फीर पता नही देवु कब वापस तेरे हाथ आयेगा.. इसीलीये ये दो दीनमे जीतना चुदवाना हे चुदवाले..

सृती : (मुस्कुराते होठ चुमते) जानु.. यहासे जानेका मन नही कर रहा.. क्या मे कुछ दिन ओर नही रुक सकती..?

देवायत : (बुब्सको चुमते) हां रुक सकती हे.. रुकजा.. सबलोग चले जायेगे तब सीर्फ तुम ओर मंजु ही होगी.. तुम दोनोको खुब रगड रगडके चोदुगा.. हें..हें..हें..

मंजुला : (जुठ मुठका गुस्सा करते) क्या रगड रगडके चोदुगा..? वहा क्लीनीकपे कौन जायेगी.. मेरी मां..? कमीनी जब यहा होस्पीटल होजायेगी तब हमेसाके लीये आजाना इधर.. तुजे कोइ मना नही करेगा..

सृती : (थोडासा सेड मुह करते) सोरी जानु.. मंजुदीदीकी बात भी सही हे.. मुजे जाना होगा.. हें..हें..हें..

इस रात देवायतने दो बार चुदाइ करके सृतीको बाथरुममे भी खडे खडे चोदलीया.. तो सृतीकी हालत पतली होगइ.. तो सृती बीस्तमे गीरते ही नींदकी आगोसमे चली गइ.. तब मंजु हसने लगी.. ओर देवायत मंजुके पास जाकर सो गया.. तब कुछही देरमे देवायत मंजुकी चुतमे पुरा लंड डाल चुका था ओर मंजुको हाथके बल उचा होकर चोद रहा था.. मंजुको दो बार जडाकर उनकी चुतमे खलास हो गया..

दोनोने अ‍ेक बार चुदाइ करली.. तब मंजुने देवायतको नीचे पीठके बल सुला दीया.. ओर उसने देवायतकी कमरपे बैठकर उनका पुरा लंड अपनी चुतमे नीगल लीया.. तो देवायत भी मदहोस होकर दुसरी दुनीयामे खो गया.. तब मंजु देवायतके साथ संभोग करते अपनी साधनामे लीन होगइ.. तो दुसरी ओर लखनके साथ मंजुने सब बाते करली थी.. फीर भी लखनको आज पुनमसे बात करनेका बहुत मन होने लगा..

लखन आज भी पुनमको पानेकी चाहत रखता था.. लखनके मनमे पुनमकी छबी इतनी हसीन ओर कामुक थी.. की पुनमके बारेमे सोचते ही लखनका लंड अ‍ेक बार फीर जटके मारते खडा होने लगा.. क्युकी उनको पुनम कामदेवकी मुरत लग रही थी.. तो उपरकी ओर जैसे ही लखन आया तो रमा नीलम ओर लता आपसमे हस हसके बाते करनेमे मसगुल थी.. तो तीनोकी नजर बचाते लखन सीधा ही तीसरी मंजीलपे हवेलीकी छतपे चला गया..

ओर अपना फोन नीकालकर पुनमको फोनपे मीस्ड कोल देने लगा.. तो दुसरी ओर पुनम ओर भावना जैसे ही रुममे आइ पुनमने रुमको लोक कर दीया.. ओर हल्कीसी रोसनी करते रुमकी सभी लाइटे बंध करदी.. तब भावना पुनमकी ओर देखते हसने लगी.. ओर उनकी बच्चीको लेकर बेडपे बैठ गइ.. फीर अपना ब्लाउस उचा करते बच्चीको दुध पीलाने लगी.. तब पुनम भी सरमाते उनके पास आकर बैठ गइ..

तभी कुछ ही देरके बाद उनका फोन वाइब्रन्ट होने लगा.. तो पुनमने टेडी नजर करते फोनमे देख लीया.. तो लखनका नाम देखते ही वो सरमाने लगी.. क्युकी अ‍ैसा पहेले कभी नही होता था.. जब भी लखनका फोन आता दोनो बीन्दास्त घंटो तक बाते करते.. लेकीन जैसे ही उनको पता चला की लखन भी उनको चाहता हे.. तबसे लखनके प्रती पुनमका नजरीया ही बदल गया था..

आजकल वो ना चाहते हुअ‍े भी लखनकी ओर ढलती जा रही थी.. अब वो देवायतकी तराह लखनको भी अपने प्रेमीके रुपमे देखने लगी थी.. लेकीन फीर भी लखनको स्वीकार करने उनका मन नही मान रहा था.. लेकीन पुनमका दिल ओर अपना तन पुरी तराह लखनको स्वीकार कर चुका था.. अ‍ैसा दो तीन बार फोन वाइब्रेट हुआ.. तो पुनम बेडसे खडी होगइ तो भावना भी पुनमकी ओर देखने लगी..

भावना : (हसते धीरेसे) पुनोदी.. क्या हुआ..? कीसका फोन आ रहा हे..? जो अ‍ैसे अचानक खडी होगइ.. कुछ हुआ क्या..?

पुनम : (सरमाते धीरेसे) भाभी.. अब आपसे क्या कहु..? वो.. वो.. हमारा देवर.. बहार मुजे सबसे छुपकर फोन करनेका इसारा कर रहे थे.. मुजे तो बहुत सरम आइ.. अगर कीसीने देखलीया होता तो..? पता नही उनको क्या काम होगा.. अभी वो बार बार मुजे मीस कोल कर रहे हे..

भावना : (मुस्कुराते धीरेसे) क्या लखन भैया..? तो इनमे सरमानेकी क्या बात हे..? उनको जरुर कुछ जरुरी काम होगा.. आप उसे फोन करके बात तो कर लीजीये.. हें..हें..हें..

पुनम : (सरमाते मुस्कुराते धीरेसे) नही भाभी.. जबसे उनको पता चला हेकी मे उनकी भाभी हु.. तबसे वो मेरी कुछ ज्यादा ही मस्तीया करने लगे हे.. ओर बडी बात.. अब तो वो सृतीभाभी ओर मेरे साथ फ्लर्ट भी करने लगे हे.. ओर अभी बहार उसने सबसे छुपकर इसारोसे फोन करनेको कहा हे.. पता नही उनको क्या काम होगा.. अ‍ैसे आधी रात बात करगे तो सरम नही आयेगी..?

भावना : (मुस्कुराते) अरे उनको जरुर कोइ खास काम होगा.. तभी तो फोन करनेको कहा होगा.. जाइअ‍े बाथरुममे जाकर उनसे आरामसे बात कर लीजीये.. हें..हें..हें.. दीदी.. हमारा देवर आदमी बहुत मस्त हे.. हें..हें..हें.. मेरी ननंद बहुत नसीब वाली हे.. जो उसे लखन भैया जैसा पती मीला.. जाइअ‍े.. बात करलीजीये उनसे..

तभी वापस लखनका फोन आने लगा.. तो पुनम टेढी नजर करके फोनमे देखने लगी.. तो लखन का नाम देखते ही सरमाकर मुस्कुराने लगी.. पुनमने सरमाते भावनाको फोनकी डीस्पले दीखाइ.. तो भावना भी देखते हसने लगी.. ओर पुनमको इसारोसे फोनपे बात करलेनेको कहा.. तो पुनम बहुत ही सर्मसार हो गइ.. तब भावनाने उसे आंखोकी सरारत करते बाथरुमकी ओर धकेल दीया.. तो पुनम मुस्कुराते फोन लेकर बाथरुममे घुस गइ.. ओर उसने अंदर जाते ही लखनका फोन उठा लीया.. तभी..
 
Last edited:
  • Like
Reactions: Skb21 and king1969

dilavar

Active Member
1,014
2,389
144
पुनम : (सरमाते धीरेसे) हां लखन भैया.. आपने फोन करनेको क्यु कहा..? बहार सबके होते हुअ‍े भी क्या हरकत की आपने..? ओर फोन करनेका इसारा कर रहे थे.. अगर कीसीने देखलीया होता तो..?

लखन : (धीरेसे मुस्कुराते) भाभी.. फीकर मत करो.. कीसीने नही देखा.. सुनो.. अभी देखोना कही आस पासमे भावना भाभी तो नही..? मुजे आपसे बहुत जरुरी बात करनी हे..

पुनम : (सर्मसार होते धीरेसे) नही.. मे बाथरुममे अकेली हु.. देवरजी आप बहुत ही कमीने हो.. अ‍ैसे आधी रात कोइ मीस कोल करता हे..? अगर कीसीको पता चल गया तो क्या सोचेगा..? (जुठ बोलते) अच्छा हुआ भावना भाभी सो गइ हे.. वरना वो क्या सोचती..? कहीये.. फोन करनेके लीये क्यु इसारा कीया था..? अगर वहा भी कीसीने देखलीया होता तो हमारी फजीहत हो जाती..

लखन : (मुस्कुराते धीरेसे) भाभी.. आप बहुत ही डरपोक हो.. मुजे आपसे कुछ बात करनी थी.. इसीलीये तो फोन करनेको कहा.. भाभी.. आज आप बहुत मस्त लग रही थी.. पता नही उस कमीने धिरेनमे आपने क्या देखलीया..

पुनम : देवरजी प्लीज.. मत करो अ‍ैसी बाते.. अब गडे मुर्दे उखाडनेका कोइ फायदा नही.. जो होना था हो चुका.. मुजे तो सीर्फ दुनीयाको दीखानेके लीये उनके साथ सादी करनी पडी.. वरना तो आपको भी पता हे मे बडे भाइसे प्यार करती हु.. ओर असलमे आज भी उनकी बीवी हु..

लखन : (हींमत करते) भाभी.. माना की आप बडे भाइको प्यार करती थी.. तो फीर क्या मेरी सकल इतनी बुरी थी..? क्या कमी थी मुजमे..? धिरेनके बदले आप मुजसे सादी करलेती.. मे भीतो आपसे प्यार कता था.. करलेती मुजसे भी सादी.. मेरा यकीन मानो.. मे धिरेनसे ज्यादा आपको प्यार देता.. वैसे भी हमारे खानदानमे तो सब दो दो तीन तीन सादीया करते ही हे..

पुनम : (सरमाते भीरेसे) देवरजी.. आप समजते क्यु नही..? अभी धिरेनको मेरे प्यारके बारेमे नही पता.. ओर आपतो हमारे बारेमे सबकुछ जानते हो.. मानाकी आप मुजसे प्यार करते थे.. तो फीर मुजे बतानेकी हिंमत भी तो नही की.. ओर वैसे भी इस घरके मर्द दो दो तीन तीन सादीया करते हे हम ओरते नही.. समजे..? ओर आपसे सादी करके मे भाइके साथ रीलेशन रखती तो क्या आपको अच्छा लगता..?

लखन : (मुस्कुराते धीरेसे) भाभी.. तो क्या हुआ..? पुराने जमानेमें भी अ‍ैसा हो चुका हे.. अ‍ेक ओरतके तो पांच पांच पती थे.. तो क्या आपके दो पती नही हो सकते..? मुजे भाइके साथ आपके रीलेशनसे कोइ बुरा नही लगता.. क्युकी वो भी तो हमारे भाइ हे..

पुनम : (बहुत ही सरमाते धीरेसे) देवरजी आप बीलकुल पागल होगये हो.. अगर आपको कोइ अ‍ेतराज नही था तो तब ही आपको मुजसे अपने प्यारका इजहार कर देना चाहीये था.. जब बडे भैया धिरेनका प्रस्ताव लेकर आये थे.. हमारे बीच तब भी कोइ पर्दा तो नही था..? हमने इस बारेमे कइ तराहकी काफी खुलकर चर्चा भी की हे.. तो आप तबही मुजे बता देते.. मे नही करती धिरेनसे सादी.. करलेती आपसे.. अब भुलजाइअ‍े सब पुरानी बाते.. कहीये ओर कुछ काम था..? वरना फोन रख देती हु..

15
लखन : (मुस्कुराते धीरेसे) अरे.. आपतो नाराज होगइ.. भाभी.. अगर आपको मेरी बातोसे बुरा लगातो.. सोरी.. अब मे इस बारेमे कभी आपसे बात नही करुगा.. मैने तो इसीलीये फोन कीया था.. क्युकी आपसे कुछ पुछना था..

पुनम : (धीरेसे) देवरजी.. प्लीज.. मे कोइ नाराज नही हुइ.. ओर मुजे कोइ बुरा नही लगा.. क्या मे आपका कभी बुरा मान सकती हु..? मुजे अफसोस हे.. की मे आपकी तम्मना पुरी नही करपाइ.. कहीये ओर क्या पुछना था..?

लखन : (मुस्कुराते) भाभी.. थेन्क्स.. क्या हेना थोडी इमरजन्सी थी.. तो फोन करना जरुरी लगा.. इसीलीये फोन करनेको कहा था.. क्युकी अ‍ैसी बात सबके सामने नही पुछी जाती..

पुनम : (सरमाते धीरेसे) कैसी बाते..? इतनी सारी बाते तो करली.. अब ओर पुछनेमे क्या हर्ज हे..? कहीये क्या पुछना था..?

लखन : (सरमाते धीरेसे) भाभी.. अब आपसे कैसे कहु..? ओर आपसे बात करनेके अलावा मेरे पास दुसरा रास्ता भी नही हे.. क्युकी जडी बुटी भी आपने दी हे.. ओर इस बारेमे लतासे बात करनेको भी आपने मना कीया हे.. वरना वो ही आपको सब पुछ लेती..

पुनम : (सरमाते हसते) हंम.. लखन भैया.. अगर आप इस बारेमे लता भाभीको बताना चाहोतो अब बता सकते हो.. लेकीन याद रखना ये जडी बुटी हमने आपको कीस मक्सदसे ओर क्यु दी हे.. उनके बारेमे उनको नही बताना.. वो सब मे हेन्डल कर लुगी.. कहीये आपको क्या प्रोबलेम हे..?

लखन : (धीरेसे हसते) भाभी.. क्या हेना आपने जडी बुटी दी हे उनको तीन दिन होगये.. तो क्या अब मे.. आइ मीन.. अब कैसे कहु..? भाभी.. मतलब क्या अब मे लताको मील सकता हु..? भाभी.. बहुत मन कर रहा हे.. आप समज गइनां..?

पुनम : (बहुत ही सर्मसार होते धीरेसे) क्या..? देवरजी आप बहुत ही कमीने हो.. अ‍ैसी बाते भाभीसे पुछी जाती हे..? अरे बहुत मन कर रहा हे तो मेने तो सीर्फ दो दिनके लीये ही मना कीया था.. तो फीर क्यु पुछ रहे हो..? हां.. अगर आपको कोइ तकलीफ नही हे तो अब मील सकते हो.. कमीने कहीके.. हें..हें..हें..

लखन : (मुस्कुराते धीरेसे) भाभी.. अगर भाभीसे नही पुछुगा तो कीसको पुछुगा..? पत्नीके बाद अ‍ेक भाभी ही होती हे.. जो देवरके करीब होती हे.. लेकीन आपतो मेरी पत्नीसे भी ज्यादा करीब हे.. भाभी.. आपको जीतनी गालीया देनी हे बादमे दे दीजीयेगा.. पहेले मेरी बात ध्यानसे सुनीये..? फीर मुजे कहेना..

पुनम : (सरमाते मुस्कुराते) हंम.. कहीये..? आपको बाते बनाना अच्छी तराह आता हे.. क्युकी आप मानने वाले तो हो नही.. स्कुलमे थे तब भी आप मेरे साथ अ‍ैसी बाते करते थे.. ओर पत्नीसे भी करीब मानते हे.. तो कभी प्यार जतानेकी हिंमत तो कर नही पाये.. अब कहीये भी..

लखन : (सरमाते धीरेसे) भाभी.. प्लीज.. आप ताने मत मारो.. तब मुजे ये नही पता थाकी हमारे खानदानमे बहेनसे भी सादी कर सकते हे.. वरना मेतो तबही आपसे अपने प्यारका इजहार कर चुका होता.. ओर आज आप धिरेनके बाजाये मेरी बीवी होती.. खैर जाने दीजीये ये सब बाते.. वरना आपको वापस बुरा लगेगा..
 
Last edited:

dilavar

Active Member
1,014
2,389
144
पुनम : (आंख गीली करते) देवरजी.. सोरी.. मे कुछ ज्यादा ही बोल गइ.. सच कहु..? अब इस बातका मुजे भी अफसोस हो रहा हे.. की मे आपका सपना पुरा नही करपाइ.. कास.. अगर उस वक्त आपने थोडीसी हिंमत करली होती.. तो मे धिरेनके बजाये आपको पसंद करती.. क्युकी कुछ मेरी पर्सनल बाते अ‍ैसी हे जो मे आपके साथ सैर भी नही कर सकती..

लखन : (मुस्कुराते) भाभी.. आपको कुछ कहेनेकी जरुरत नही.. धिरेनके बारेमे कुजे सबकुछ पता हे.. खैर अब इस बातका कोइ मतलब नही.. कहेते हेनां.. उमीदपे ही दुजीया कायम रहेती हे.. अगर कीस्मतको मंजुर होगा तो हम इस जन्ममे जरुर मीलेगे.. वरना अगले जन्ममे आपको मुजसे कोइ छीन नही सकेगा.. तब आप मेरी बीवी होगी.. देखलेना..

पुनम : (आंख पोछते मुस्कुराते) लखन भैया.. आइ होप.. की आपका सभी सपना पुरा होजाये.. तो सबसे ज्यादा खुसी मुजे होगी.. खैर.. कहीये.. ओर कुछ काम था..?

लखन : (सरमाते धीरेसे) हां भाभी.. आप अ‍ेक बार लतासे बात कर लीजीयेनां.. वो आपसे इस बारेमे बात करना चाहती हे.. क्या हेना.. लता मेरा पेनीस देखकर बहुत ही डर गइ हे.. मुजे मीलनेके लीये मना कर रही हे.. कहेती थी मे इस बारेमे पहेले पुनोदीदीसे या सृती भाभीसे बात करलु.. फीर कुछ सोचुगी.. भाभी.. अब उसे आप ही समजाइअ‍ेनां.. मेने इसीलीये आपको फोन कीया हे..

पुनम : (अ‍ेकदम सर्मसार होते धीरेसे) देवरजी.. इसमे डरनेकी क्या बात हे..? बीवी हे आपकी.. आप उसे प्यारसे समजाइअ‍ेनां.. मे उसे कैसे कहु..? की आप लखन भैयाको चोद.. आइ मीन मीलने दो..

लखन : (मुस्कुराते) हें..हें..हें.. भाभी.. खुलकर बोलीयेनां.. हमने तो अ‍ैसी बहुत चर्चा की हे.. आपके साथ अ‍ैसी बात करनेके बहुत मजा आता हे.. हें..हें..हें..

पुनम : (सर्मसार होते धीरेसे) लखन भैया.. आप बहुत कमीने हो.. हमने अ‍ैसी बाते कब कीथी..? मुजे पता हे आप जान बुजकर मेरे साथ अ‍ैसी बाते कर रहे हो.. लगता हे आप बीलकुल पागल होगये हो.. अब मे आपके बडे भाइकी बीवी हु.. आपको मेरे साथ अब अ‍ैसी बाते नही करनी चाहीये.. आप लता भाभीको प्यारसे समजाइअ‍ेनां.. वो करने देगी..

लखन : (मुस्कुराते) भाभी.. मेने सुबह उनको बहुत समजाया था.. कहेती हे इस बारेमे अ‍ेक बार आपसे बात करेगी.. फीर कुछ नीर्णय लेगी.. भाभी.. उसे समजाइअ‍ेनां.. मुजे बहुत तकलीफ होती हे.. मे सेक्सके बगैर नही रेह सकता.. अगर उसने मुजे मना करदीया तो कहा जाउगां..?

पुनम : (जुठा गुस्सा करते) बडे कमीने हो आप.. कोइ भाभीके साथ अ‍ैसी बाते करता हे..? ठीक हे.. मे इस बारेमे सुबह लता भाभीसे बात कर लुगी.. सुनीये.. (सरमाते धीरेसे) देवरजी.. क्या सचमे आपका.. वो.. आइ मीन.. आपाका.. पेनीस.. क्या वो वाकइ बहुत बडा होगया हे..? अगर आपको बहुत इच्छा हुइ हे.. तो आज वो दोनो सीकार हमारे घरपे ही हे.. आप कुछ आगे बढे की नही..? अगर लता मना कर रही हे.. तो उनमेसे अ‍ेक को पकडलो.. हें..हें..हें..

लखन : (सरमाकर धीरेसे) नही भाभी.. अगर कीसी अ‍ेक को भी पकडलीया तो यहा कमीनी बहुत चीखेगी.. क्युकी ये कुछ ज्यादा ही बडा हो गया हे.. तो यहा बडा बखेडा होजायेगा.. उनको तो फुरसत मे वही सहेरमे ही नीपट लुगा.. थोडासा वक्त दीजीये.. वो दोनो हमारे साथ सहेर ही आ रही हे.. बस.. अ‍ेक तो ओल मोस्ट सेट हो गइ हे.. अब दुसरीको सेट करना हे.. वो भी कोइ मुस्कील काम नही हे.. हें..हें..हें..

पुनम : (सरमाते हसते) कौन..? आपने कीसको सेट करलीया..? क्या मुजे बता सकते हो..?

15
लखन : (हसते धीरेसे) हां भाभी.. मे आपसे कोइ बात नही छुपाउगा.. आप मेरी सभी बातोकी राजदार होगी.. तो आपको सब बतानेमे कोइ प्रोबलेम नही.. वो.. मेरी सहेलज.. रमा भाभी.. मानोना वो ओल मोस्ट सेट हो चुकी हे.. अब हम दोनोको अकेलेमे मीलने की ही देरी हे..

बस.. कमीनीको अ‍ेक बार मेरे नीचे लेटने दीजीये.. तब उनका काम तमाम.. हें..हें..हें.. कमीनीको सेट करनेमे मुजे क्या क्या पापड बेलने पडे.. तब जाके मुस्कीलसे सेट हुइ हे.. यहा बंसीकी सादी ओर अंकलकी सब वीधी नीपट जाये.. फीर मे आजाद.. बस.. फीर मुजे सीर्फ यही काम करना हे..

पुनम : (मुस्कुराते धीरेसे सरमाते) सीर्फ यही काम करना हे..? आप बहुत ही कमीने हो.. कोइ भाभीके साथ अ‍ैसी बाते करता हे..? आपको सरम भी नही आती.. ओर कुछ काम धंधेपे भी ध्यान देना.. लखन भैया.. वहा जाकर जो भी करो.. बस.. थोडी सावधानीसे.. उनको पता नही चलना चाहीये.. की हम उनके सब प्लानके बारेमे जानते हे.. आप अ‍ेक बार उस कमीनीकी हालत बीगाड दो.. वैसे भी कमीनीओ दोनो मां बेटी बहुत ही कामी हे.. बस.. थोडीसी महेनत ओर करो.. मुजे यकीन हे.. आप नीलुको भी पटा लोगे..

लखन : (हसते धीरेसे) भाभी.. अ‍ैसा ही होगा.. जो आप चाहती हे.. नीलुको पटाना कोइ बडी बात नही हे.. क्युकी आपको तो पता हे.. उनकी ओर धिरेनकी विडीयो क्लीप मेरे पास हे.. जब उनको मील लुगा तब आपको सब बता दुगा.. फीर मुजे आगेका बताना उनके साथ क्या करना हे..?

पुनम : (सरमाते धीरेसे) ठीक हे देवरजी.. मे सुबह लता भाभीसे बात करलुगी.. अब आप फोन रख दीजीये.. अ‍ैसे देर रात फोनपे भाभीसे बात करना अच्छी बात नही हे.. समजे..? हें..हें..हें.. गुड नाइट..

लखन : (मुस्कुराते) हंम.. ठीक हे भाभी.. लेकीन जरुरत पडी तो लताकी बात आपसे करवाउगा.. आप फोन उठाना.. भाभी.. आइ रीयली लव यु.. अ‍ेन्ड गुड नाइट..

पुनम : (बहुतही सर्मसार होते धीरेसे) हंम.. ठीक हे.. लव यु टु देवरजी.. हें..हें..हें.. मे भी आपसे बहुत प्यार करती हु.. लेकीन वो वाला प्यार नही अ‍ेक भाइ बहेन वाला प्यार.. समजे..? हें..हें..हें.. सुनो.. सहेरमे उन कमीनीसे सादी तो करली.. क्या उनके साथ सुहागरात बुहागरात मनाइ की नही..? हें..हें..हें..

लखन : (मुस्कुराते) नही भाभी.. अब जो भी होगा सहेर जाउगा तब ही होगा.. क्या आपकी उनके साथ कोइ बात हुइ..?

पुनम : (सरमाते मुस्कुराते) नही.. अ‍ेक बार हुइ थी.. फीर कल बात कर लुगी.. अब तो आपकी तो बले बले हे.. तीन तीन बीवीया तो हे.. अब क्या प्रबलेम हे.. हें..हें..हें..

लखन : (मुस्कुराते) नही भाभी.. मे कीतनी भी सादीया करलु.. फीर भी मेरे दिलको कभी तसली नही मीलेगी.. मे अपना पहेला प्यार कभी नही भुल पाउगा.. आप आज भी मेरे दिलपे राज करती हो.. भाभी.. आपकी बहुत याद आ रही हे.. आइ रीयली लव यु.. मे आज भी आपको इतना प्यार करता हु.. लेकीन भाइ बहेन वाला नही.. वो प्यार.. जो आप समजते भी अन्जान बन रही हो..

पुनम : (बहुत ही सर्मसार होते धीरेसे) लखन प्लीज..

कहातो पुनम बहुत ही सर्मसार होगइ.. ओर उसने फोन काट दीया.. पुनम सब कुछ समज गइ की लखन उनसे क्या कहेना चाहता हे.. तब लखनका प्यार ना स्वीकारनेसे पुनमको बहुत बुरा लग रहा था.. उनका मन अभी इस बातके लीये राजी नही था.. तो दुसरी ओर उनका दिल ओर उनका तन पुरी तराह लखनको अपनानेके लीये बेताब था.. जो अब पुनमके वसमे नही था..
 
Last edited:

dilavar

Active Member
1,014
2,389
144
क्युकी लखनसे सेक्सके बारेमे बाते करते उनकी चुत काफी गीली होते अभी भी फडफडा रही थी.. ओर पानीका रीसाव करते गीली होगइ थी.. तो पुनम बहुत ही सर्मसार होते मुस्कुराने लगी.. फीर पुनमने अपनी चुतको साफ करते करते धीरेसे आंख बंध करली.. ओर लखनके बडे लंडको इमेजींग करते चुतमे उंगली घुसादी.. तो आंखोके सामने लखनका चहेरा आगया..
37715
ओर पुनम धीरे धीरे लखनको इमेजींग करते उंगलीको चुतमे अंदर बहार करने लगी.. आज पुनम को खुदकी चुत भठीकी माफीक गरम लग रही थी.. तभी कुछ देर हीलानेके बाद अचानक उनकी चुतसे अ‍ेक तेज धारसे फवारा नीकल गया.. तब वो बहुत ही सर्मसार होगइ.. फीर फ्रेस होकर बहार आगइ.. तो भावना पुनमकी ओर आस्चर्यसे देखते हस रही थी.. तब पुनम भावनाकी ओर देखकर सरमा गइ.. ओर हसने लगी..
36747
भावना : (हसते धीरेसे) पुनोदी.. क्या केह रहे हे हमारे देवरजी..? आपके साथ कोइ सरारत तो नही की..? क्युकी आपको बहार नीकलनेमे बहुत देर होगइ.. हें..हें..हें.. देखो आपकी सलवार गीली हो गइ हे.. हें..हें..हें..

पुनम : (सरमाते हसते धीरेसे) क्या भाभी.. आप भीनां.. अ‍ैसा कुछ भी नही हे.. वो क्या कहेगे..? जबसे हमने उसे जडी बुटी दिहे तबसे वो लताको नही मील सके इसीलीये सेक्सके बीना पागल होगये हे.. कहेते थे अब मे लताको मील सकता हु की नही.. हें..हें..हें..

भावना : (हसते धीरेसे) क्या..? वो आपसे यही पुछ रहे थे..? दीदी.. तो क्या उसने तबसे सेक्स नही कीया..? बापरे.. हें..हें..हें.. तब तो आज लता गइ कामसे.. आज उनको छोडेगे नही.. हें..हें..हें.. दीदी.. क्या उनका सचमे इतना बडा होगया होगा..?

पुनम : (सरमाते धीरेसे थोडी बात छुपाते) भाभी.. वो मुजे कहा पता होगा..? वो तो सुबह अब लता ही बता सकती हे.. हें..हें..हें.. सायद.. मे बी.. जो आप केह रही हे..

भावना : (हसते) दीदी.. आपको भी तो सब पता चल जाता हे.. लगता हे आप मुजे खुलकर सच बताना नही चाहती.. वैसे भी देवर भाभीके बीच काफी अन्डर स्टेन्डींग हे.. हें..हें..हें..

पुनम : (थोडा गंभीर होते) भाभी.. हमारे बीच कहा कोइ पर्दा हे..? अब तो हम चारोको ही सबकुछ सम्हालना हे.. भाभी.. सच कहु..? हमारे बीच अन्डर स्टेन्डींग तो बहुत हे.. लेकीन वो अपना पहेला प्यार आज भी नही भुले.. वो आज भी मुजे इतना प्यार करते हे.. कास मे उनका प्यार कबुल करपाती.. भाभी.. वो अपना प्यार भाइसे भी बांटनेके लीये तैयार हे.. आज हमारे बीच बहुत सारी बाते हुइ.. भाभी.. उनकी बातोसे लगा.. की वो आज भी मुजे पानेकी चाहत रखते हे.. लेकीन प्यार ना मीलनेकी वजहसे वो अंदरसे बहुत दुखी हे..

भावना : (सामने देखकर धीरेसे) दीदी.. अ‍ेक बात कहु..? अब तो इस हवेली के साथ साथ हमारे गांवमे भी इतना सारा बदलाव हो रहा हे.. तो फीर आपको उनका प्यार कबुल करनेमे क्या दीकत हे..? मेरे खयालसे आपको लखन भैयाका प्यार कबुल कर लेना चाहीये.. करलीजीये उनका प्यार कबुल.. आपको भी पता हे आगे क्या होने वाला हे.. तो इस बातसे क्यु भागना..? दीदी.. प्यार करके मीलन करनेका मजा ही अलग हे.. मे भी जीजुसे प्यार करती हु.. बस.. अब सीर्फ उस पलका इन्तजार कर रही हु.. जब हम दोनोका मीलन होगा..

पुनम : (मुस्कुराते) भाभी.. बात तो आपकी सही हे.. लेकीन फीर भी मे बहुत दुवीधामे हु.. मुजे इस बारेमे आपकी राइ जाननी थी.. आपने बता दीयाकी मुजे हमारे देवरका प्यार कबुल करलेना चाहीये.. भाभी.. उन्होने तो अपने प्यारका इजहार करते मुजे उलजनमे डाल दीया था.. मे कोइ नीर्णय नही लेपा रही थी.. की क्या करना हे.. ओर भाभीने भी मुजे बहुत सारी जीमेवारी दी हे.. तो उसे भी नीभाना हे..

भावना : (मुस्कुराते) दीदी.. अब हम चारो साथ ही तो हे.. हम चारो मीलकर वो जीम्वेवारी भी नीभायेगे.. ओर चारो मीलकर मजे भी करेगे.. इतना हसीन मजा करना कौन नही चाहेगा.. हें..हें..हें.. आपकी जगाह मे होती.. तो मे लखन भैयाका प्यार कबसे कबुल कर चुकी होती.. कीतना प्यारा देवर मीला हे हमे..

पुनम : (सरमाते हसते धीरेसे) भाभी.. फीकर मत करो.. आपकी भी बारी आयेगी.. तब देखती हु.. आप हमारे देवरसे कीतना प्यार करती हो.. पहेले बडे भैयाको तो ठीकसे प्यार करलो.. लगता हे बहुत ही जल्द आप दोनोका मीलन होने वाला हे.. हें..हें..हें..

भावना : (सरमाकर मुस्कुराते) दीदी.. आपके मुहमे घी सकर.. मुजे पता हे आपको ओर दीदीको सबकुछ पता हे.. फीर भी दोनो मुजे नही बताती.. ठीक हे.. मे उस पलका इन्तजार कर रही हु.. जब हम दोनो मीलेगे..

तो इधर लखन भी फोन कट होते ही मुस्कुराते नीचे अपने रुममे आगया.. तो नीलम लखनको देखते ही सरमाके मुस्कुराने लगी.. ओर सरमके मारे खडी होकर अपने रुममे सोने चली गइ.. तब रमा बहुतही कामुक नजरोसे लखनकी ओर देखते हस रही थी.. ओर वोभी खडी होकर अपने रुममे सोने जाने लगी..

तब लखनने लताकी नजर बचाते रमाको आंख मारते उनका हाथ पकडलीया.. तो रमा बहुत ही सर्मसार होते हाथ छुडाकर मुस्कुराते वहासे चली गइ.. तभी लताने जटसे रुमका दरवाजा बंध करदीया.. तो लखनने लताको अपनी गोद मे ही उठा लीया..

लता : (सरमाते हसते धीरेसे) लखन छोडीये क्या कर रहे हे..? मे गीर जाउगी.. हें..हें..हें..

लखन : (गाल चुमते) डार्लींग मे आज तुजे छोडने वाला नही हु.. मुजे सब परमीशन मील गइ हे.. आज तो तु गइ कामसे.. हें..हें..हें..

लता : (सरमसे पानी पानी होगइ) लखन.. प्लीज.. यार आपका बहुत बडा होगया हे.. मे नही जेल पाउगी.. मुजे बहुत डर लग रहा हे..

लखन : (बेडपे सुलाते) लता.. कुछ नही होगा.. भाइका भी बडा हे.. तो क्या कीसी भी भाभीको कुछ हुआ हे..? तु खामखा डर रही हे.. मुजे मंजु भाभीने सब परमीसन देदी हे.. हें..हें..हें..

लता : (सरमाते धीरेसे) क्या मंजु भाभीने..? लेकीन ये सब हुआ कैसे..? येतो बताइअ‍े.. पहेले तो इतना बडा नही था..

लखन : (पासमे बैठते हसते धीरेसे) लता.. कीसीको कहेना नही.. भाभीने पुनम दीदीको कहेकर मुजे थोडीसी जडी बुटी देदी हे.. इसीलीये ये थोडासा बडा ओर मोटा होगया हे.. हें..हें..हें..

लता : (सरमाते हसते) क्या थोडासा बडा होगया हे+.. हें..हें..हें.. ये थोडासा हे..? बापरे.. आपका तो कीसी गध्धे जैसा हो गया हे.. मुजे भाभीसे बात करनी पडेगी.. बाबा ये तो मेरी हालत बीगाड देगा.. भाभी भीनां.. क्या जरुरत थी आपको जडीबुटी देनेकी..? आपको मुना भाइने तो आयुर्वेदिक का कोर्षतो करवाया हे.. अरे बाबा उनकी दवाइसे भी आप मेरी हालत खराब कर देते हो.. मुजे कल इस बारेमे पुनो दीदीसे बात करनी पडगी..

लखन : (थोडा नाराज होते) लता.. अ‍ैसा दीदीको पुछते हे क्या..? तुम होनां.. ओरत तो इतना बडा लंड देखकर पागल होजाती हे.. ओर चुदवानेके लीये तैयार होजाती हे.. ओर अ‍ेक तुम हो.. जो बातका बतंगंड बना रही हो.. हां.. जा कल उसे बात करलेना.. फीर मेरे पास आना.. बहुत नखरे कर रही हो.. कुछ नही करना मुजे.. जा सोजा..

लता : (सरमाते हसते) अरे.. आपतो नाराज हो गये..? मे पुनम दीदीसे थोडीना पुछुगी.. अब वो कहा आपकी दीदी हे.. (हसते धीरेसे) मेतो हमारी पुनम भाभीसे पुछुगी.. हें..हें..हें.. अब वो भी तो मेरी जेठानी हे.. ओर मत भुलो.. हम दोनो पकी सहेलीया भी हे.. हमारा पहेला मीलन उसीने तो करवाया था.. हें..हें..हें.. तो मे उनसे कुछ भी पुछ सकती हु..

लखन : (जुठ मुठ नाराज होते दुसरी ओर करवट लेते) ठीक हे.. जा यार.. मुजे तुमसे बात ही नही करनी.. मेरा सारा मुड खराब करदीया..

लता : (लखनसे चीपकते हसते) अले..ले..ले.. मेरा बच्चा नाराज हो गया.. हें..हें..हें.. ठीक हे.. चोदलो मुजे.. मे रेडी हु.. पर याद रखना अगर मुजे कुछ हो गया तो सब जीम्वेवारी आपकी होगी..

कहातो लखन दुसरी ओर करवट लेकर सोने लगा.. तो लता लखनकी नाराजगीसे हसने लगी.. तभी लताने लखनसे चुदवानेकी हिंमत करली.. यही सोचकर की वो कब तक लखनसे दुर रहेगी.. अ‍ेक दिन तो उसे इस लंडसे चुदना ही पडेगा.. ओर यही सोचते लता लखनके उपर जुकते उनके गालपे कीस करने लगी.. ओर लखनको मनानेकी कोसीस करने लगी.. लेकीन लखन थोडी देर जुठ मुठ नाराज होनेका नाटक करता रहा..
 
Last edited:

dilavar

Active Member
1,014
2,389
144
तभी लता बेडसे उतर गइ.. ओर लखनकी ओर कातील नजरोसे मुस्कुराते हुअ‍े अपने कपडे नीकालने लगी.. तब कुछ ही देरमे लता पुरी तराह नंगी होगइ.. ओर लखनके पास आकर जबरदस्तीसे लखनके कपडे नीकालने लगी.. तो लखन लताकी सभी हरकते मुस्कुराते देखता रहा.. ओर लताने लखनको भी नंगा करदीया.. फीर लता लखनके पैरोके पास बैठ गइ.. ओर उनके लंडको पकडकर मसलने लगी..

लता : (सरमाते धीरेसे हसते) देखलो.. कैसे गध्धे जैसा हे.. देखले लता तुभी.. आज तो इसेही अंदर लेना हे.. आज तेरा बलमा फाडेगा तेरी चुतको.. तब चीलाती रहेना.. इनको कोइ रहेम नही आयेगी.. हें..हें..हें..

लता लखनके लंडको सहेलाते खुदसे बात करने लगी.. तब लखनकी हसी नीकल गइ.. ओर बैडपे बैठकर लताको जोरोसे अपनी बाहोमे भीच लेता हे.. तो लता भी सरमाके हसने लगी.. तब कुछही देरमे दोनो अ‍ेक दुसरेके होठोका रसपान करते प्यारकी आगोसमे खो गये.. लखन हल्केसे लताके उरोजोको मलसते उनका मर्दन करने लगा.. तब लता पुरी तराह कामातुर होगइ.. ओर उनकी आंखोमे वासनाके डोरे मंडराने लगे.. ओर आखीर लताने लखनके लंडको अपने दोनो हाथोमे थाम लीया..

31497
लता : (नसीली आंखोसे देखते धीरेसे) जानु.. देखना.. अगर मुजे कुछ होजाये तो आप सम्हाल लेना..

लखन : (होंठ चुमते) डार्लींग तुजे कुछ नही होने दुगा.. मे हुनां..? मे बहुत प्यारसे करुगा.. चल आजा..

कहातो लता अपने दोनो पैर फैलाकर बेडपे लेट गइ.. ओर लखन उनके दोनो पैरोके बीच आगया.. ओर जुकते लताकी चुतपे अपना मुह लगा दीया.. तो लता बहुतही उतेजीत होने लगी.. ओर उनकी चुतसे पानीका रीसाव होने लगा.. तभी लखनने उनकी चुतके दानेको अपने दातोसे दबाके छेड दीया.. तो लता जोरोसे सीसकारीया करते नसेकी हालतमे चली गइ.. ओर आधी आंख चडाते पागलोकी तराह अपनी कमर उछालने लगी..

24026
लखन अब कीसीभी लडकीको इसी तराह उतेजीत करते उसे पागल बनानेमे माहीर हो चुका था.. ओर ये सब रजीया.. ओर होस्टेलकी मालकीन राधीका.. जो अब लखनकी बीवी हे.. सब उसीका कमाल था.. कुछ ही देरमे लखनने लताको अ‍ैसेही छेडकर जडा दीया.. तो लता बहुत ही सरमा गइ.. लखनने अपना मुह साफ करलीया.. उनकी आंखोमे वासनाके डोरे मंडराने लगे.. वो लताकी ओर कामुक नजरोसे देखते लताके उपर आने लगा..

तब लता बहुत ही सरमा रही थी.. ओर अंदरसे डरी हुइ थी.. जब लखन लताके उपर छागया तो लताने आंख बंध करते लखनको जोरोसे अपनी बाहोमे भीच लीया तभी लखनका तगडा लंड लताको अपनी चुतपे ठोकर मारते महेसुस हुआ.. ओर उसने जोरोसे अपनी आंख बंध करली.. तब लखन लताके होठोको चुम रहा था.. ओर लखनने धीरेसे हाथ नीचेकी ओर लेजाते लंडको अपने हाथोमे थाम लीया.. ओर लताकी चुतपे सेट करने लगा..

लता : (धीरेसे डरते) सीससस..... लखन.. प्लीज.. धीरे धीरे डालना.. वरना मे सहेन नही करपाउगी.. ये बहुत बडा हे..

लखन : (धीरेसे होठ चुमते) अरे.. तु पहेली बार इसे थोडीना अंदर ले रही हे..? तुम खामखा डर रही हे.. कुछ नही होगा.. क्या डालु..? हंम..?

लता : (अपना होंठ भीचते हां मे गरदन हीलाते) लेकीन तब इतना बडा नही था.. हंम.. प्लीज.. धीरेसे.. मे पहेली बार इतना बडा ले रही हु.. अगर मुजे कुछ होजाये.. तो आप सृतीभाभी या पुनमदीदीको बुला लेना..

लखन : (बुब्स चुमते धीरेसे) अरे पागल होगइ हो क्या..? कहानां तुजे कुछ नही होगा..

ओर लखन लताके उपरसे हट गया.. फीर लताके पैरोके बीच घुटना मोडकर बैठ गया.. तो लताने अपने दोनो पैर फैला दीये.. ओर अपनी कमरके नीचे अ‍ेक तकीया भी रखदीया.. ताकी उनको ज्यादा तकलीफ ना हो.. तभी लखनने अपना लंड पकडकर लताकी चुतपे घीसने लगा.. क्युकी अब लखनको भी अंदाजा हो चुका था की लता इस लंडको सहेन नही कर पायेगी.. ओर लखनने धीरेसे लंडके टोपेको थोडासा लताकी चुतमे फसालीया.. तो लता जोरोसे अपनी आंखे भीचते दर्दके मारे मुह बीगडने लगी..

really-painfull-nithya-menon
तब बाजुके रुममे नीलम ओर उनकी मां रमा दोनो ही अ‍ेक बेडपे साथ सोनेकी तैयारीया कर रही थी.. रमा ओर नीलम अ‍ेक दुसरेके सामने मुह रखते अपने उपर अ‍ेक ही कंबल डालकर लेटी हुइ थी.. तब रमा नीलमसे जानना चाह रही थी.. की वो लखनके साथ आंख मीचोली खेलते कहा तक आगे बढी.. क्युकी यहा आनेसे पहेले रमाने नीलमको सबकुछ समजा दीया था..

ओर नीलमको अभीसे लखनको रीजाने पे लगा दीया था.. अब अ‍ैसी बातोमे दोनो मां बेटी खाफी खुल चुकी थी.. ओर सभी तराहकी बाते खुलकर करने लगी थी.. दोनो मां बेटीके बीच अब कोइ पर्दा नही था.. तभी दोनो मां बेटीको बाजुके लखनके रुमसे लताकी अ‍ेक जोरोसे चीखनेकी आवाज सुनाइ दी.. क्युकी लखनने लंडको फसाकर थोडासा पुस करते अंदर डाल दीया था.. तो लता उनके लंडको जेल नही पाइ..

ओर लंड चुतके अंदर जातेही लताकी जोरोसे चीख नीकल गइ.. लता लखनके सीनेपे हाथ रखते उनको अपने उपरसे हटानेकी कोसीस करने लगी.. ओर अपने दोनो पैर बेडपे पटकने लगी.. जैसे कीसीने उनकी चुतमे कोइ बडा डंडा घुसा दीया हो.. लता रो रही थी.. तो लखनने जटसे जुककर लताके मुहपे हाथ रख दीया.. तब लता छटपटाते आंसु बहाते लखनको लंड बहार नीकालनेकी मनते करने लगी..

21665
इधर नीलम ओर रमा दोनो समज गइकी लखनके रुममे क्या हो रहा हे.. तो मा बेटी दोनो ही अ‍ेक दुसरेकी ओर देखकर सरमाके मुस्कुराने लगी.. तब नीलम बहुत ही सर्मसार हो रही थी.. क्युकी वो भी धिरेनका लंड पहेली बार अंदर लेकर अ‍ैसेही चीलाइ थी.. तो रमा नीलमको सरमाते देखकर हसने लगी.. तब नीलमको लखनने कही अ‍ेक अ‍ेक बाते याद आने लगी.. लखनकी सभी बाते उसे सच लगने लगी.. की लखनने उसे पहेली बार गोडाउनमे दबोचा तब ही उसे कहा था.. की वो आज भी उनकी लता दीदीकी चीखे नीकलवाता हे.. तभी....

कन्टीन्यु
 
Last edited:
Top