रमा : (आस्चर्यसे देखते) क्या..? लेकीन क्यु..? तुमने उनको ये सब करनेको मना क्यु कीया..? अच्छा ये बता.. फीर क्या हुआ..? फीर वो कुछ आगे बढे की नही.. हें..हें..हें..
नीलम : (सामने देखते) हां मोम.. तो फीर मे क्या करती..? मे उनको ये सब करनेको मना करने लगी.. तो उसने अपना पेन्ट खोलकर अपना वो नीकाल दीया.. पेनीस कहेते हे उसे.. जहासे मर्द सुसु करते हे.. बापरे कीतना बडा था.. (थदडा जुठ बोलते) मोम.. मे तो देखते ही गभरा गइ.. क्युकी मेरी जींदगीमे ये सब पहेली बार देख रही थी.. फीर उसने जबरखस्तीसे मेरा हाथ पकडकर उनपे रख दीया.. ओर मुजसे मुठीमे पकडाकर हीलवाकर सहेलवाने लगे..
रमा : (मनमे खुस होते उत्सुक्तासे) फीर..? अरी बताना.. क्या सीर्फ यही करवाया.. कुछ आगे बागे बढे की नही..?
नीलम : (सर्मसार होते धीरेसे) हां मोम.. सहेलवाने लगे तो वो बहुत बडा ओर खडा हो गया.. ओर उपरकी ओर जटके मारने लगा.. बापरे कीतना सख्त होगया था.. ओर उन्होने मेरे साथ सेक्स करनेकी डीमांन्ड की.. तो मे रोने लगी.. ओर उनको ये सब करनेको मेने मना करदीया.. तो कहेने लगे.. देखले.. इनसे तेरी लता दीदीकी चीखे नीकलवता हु.. मुजे तो देखकर बहुत सरम आइ.. ओर मे रोने लगी.. तो उसने मुजे छोड दीया.. ताकी वहा कोइ हंगामा ना हो.. वो चाचा बहार ही बैठे थे.. ओर हम दोनो घर आगये..
रमा : (आस्चर्यसे धीरेसे) क्या.. वो तेरे साथ सेक्स करना चाहते थे..? तो कमीनी तुमने उसे मना क्यु कीया..? करने देती सब.. नीलु.. तुमने कीतना अच्छा मौका हाथसे जाने दिया.. हमारा काम कीतना आसान हो जाता.. कुछ देरकी तो बात थी.. चुदवा लेती उनसे..
नीलम : (आस्चर्यसे) मोम.. कही आप पागल तो नही होगइ..? तो क्या मे उसे सब करने देती..? अैसे कैसे चुदवा.. आइ मीन करने देती..? हंम..? तब कहा हमारी कोइ अैसी बात हुइ थी..? वो तो बादमे बात हुइ की हमे जीजुको फसाना हे.. वरना मे उनको सब करनेके लीये मना थोडीना करती..?
रमा : (थोडा अफसोस जताते) हंम.. हां नीलु.. ये भी सही हे.. नीलु हमे उनको कहा फसाना हे..? तुजे तो बाकायदा उनसे सादी करनी हे.. तेरे हाथमे कीतना अच्छा मौका था.. चुदवालेती उनसे.. हमे कहा पता चलता..? कास इस बारेमे पहेले हमारी बात हुइ होती.. तो आज तेरे जीजुके पीछे तुजे इतनी महेनत नही करनी पडती.. अब मे समजी.. सायद आज इसीलीये तेरे सामने देखते नही होगे.. लगता हे वो इसी वजहसे तुमसे नाराज होगे..
नीलम : (सरमाकर मुस्कुराते) मोम.. आप फीकर मत करो.. लखन जीजुको वसमे करना कोइ मुस्कील काम नही हे.. लगता हे वो इन सब चीजोके सौकीन हे.. बस.. अेक बार ओर हमे अकेलेमे मीलनेका मौका मीलने दीजीये.. वो जरुर मेरे साथ कोइना कोइ सरारत करेगे.. तब मे उनको नही रोकुंगी.. लेकीन मोम.. आपसे अेक बात पुछु..? अगर मे ये सब करुगी तो कही आपको बुरा तो नही लगेगा..?
रमा : (मुस्कुराते गाल चुमते) अरे मेरी बच्ची.. तेरे लखन जीजुके साथ तु कुछ भी कर.. मुजे कोइ बुरा नही लगेगा.. अब तो हम सहेलीया हे.. तुम मुजे कुछ भी पुछ सकती हो.. वो भी बीन्दास्त.. पुछो क्या पुछना चाहती हो..
नीलम : (सरमाते धीरेसे मुस्कुराते) मोम.. आज मे देख रही थी.. लखन जीजु.. मेरे बजाये आपके पीछे पडे हुअे थे.. वो कुछ ज्यादा ही आपसे चीपक रहे थे.. ओर आप भी उनपे कुछ ज्यादा ही ध्यान दे रही थी.. तो.. क्या आप भी..? आइ मीन्स..? तो मे क्या समजु..?
रमा : (नीलमकी ओर अेक नजरसे देखते) नीलु.. क्या तुम अपनी मोम पे सक कर रही हो..?
नीलम : (धीरेसे जटसे) अरे नही नही.. मोम.. आप मुजे गलत समज रही हे.. मे आपपे सक नही कर रही.. मे तो मेरी सहेलीसे पुछ रही हु.. वहा जो मेने देखा वोही तो सीर्फ पुछ रही हु.. अगर अैसा हे तो भी मुजे कोइ प्रोबलेम नही हे.. मोम.. हमारा मक्सद तो उनकी जायदासे हे..
फीर चाहे वो मे हु.. या फीर आप.. हमे क्या फर्क पडता हे.. वैसे भी अब तो हम दोनो अेक दुसरेकी राजदार ओर पकी सहेलीया होगइ हे.. इसीलीये मेने आपको पुछने की हिंमतकी.. वरना मे अैसी बात आपको कभी नही पुछती.. मोम.. अगर आपको बुरा लगा तो सोरी..
रमा : (जटसे) अरे नही नही.. मेरी बच्ची.. मुजे कोइ बुरा नही लगा.. नीलु.. तुम कीतनी समजदार हो गइ हो..? अब हम दोनो अेक दुसरेसे कुछ भी बात नही छीपायेगे.. मे तुमसे वादा करती हु.. क्युकी अब तेरे सीवा मेरा इस दुनीयामे हे भी कौन..? ओर तुम भी मुजसे वादा कर..
की तुम मुजसे कभी जुठ नही बोलोगी.. हमे जो भी बात करनी हे दोनो बीन्दास्त बात करेगे.. फीर वो चाहे कीसी भी टोपीक पे क्यु ना हो..? लेकीन हम दोनो अेक दुसरेकी जींदगीमे कोइ दखल नही देगी.. आजसे हम दोनो अपनी जींदगी अपने तरीकेसे जीनेके लीये पुरी तराह आजाद हे..
नीलम : (मनमे खुस होते हग करते धीरेसे) ये..स.. मोम.. आइ लव यु.. आइ प्रोमीस.. आजसे मे आपसे कुछ भी बात नही छीपाउगी.. ओर कभी आपके सामने जुठ नही बोलुगी.. आपकी कसम.. मैने तो सीर्फ सब देखा इस लीये पुछ रही थी.. मोम.. मे सभी बाते आपके साथ सेर करुगी.. बस.. अब आप भी अपनी सभी बाते मेरे साथ सेर करना.. हम दोनो अपनी जींदगी अपने तरीकेसे जीयेगी.. मे वादा करती हु.. मे आपकी जींदगीमे कभी दखल नही दुगी.. ओर आप भी मेरी जींदगीमे कोइ दखल नही दीगी..
रमा : (सरमाते धीरेसे नीलमसे चीपकते) ठीक हे नीलु.. आइ प्रोमीस.. अब अैसा ही होगा.. तेरी सभी बाते सही हे.. आजसे मे भी तुमसे कुछ भी नही छीपाउगी.. लेकीन अभी नही.. अभी बहुत रात हो चुकी हे.. हम दोनो इस बारेमे कल फुरसतमे बात करेगे.. चल अब सोजा.. कल सादी मे भी जाना हे..
नीलम : (मुस्कुराते) येस मोम.. मोम.. आइ लव यु.. गुडनाइट..
रमा : (नीलमसे चीपकते मुस्कुराते) हंम.. लव यु टु बेटा.. गुड नाइट..
कहेते रमा ओर नीलम अेक दुसरोसे चीपककर सोने लगी.. तब रमा सोचमे डुब गइ.. क्युकी आज उनको नीलममे लखनके साथ आंख मीचोली खेलते पकडलीया था.. तब अेक पलके लीये तो रमाने नीलमको सब कुछ खुलकर बतानेका फैसला करलीया था.. क्युकी रमा भी लखनसे प्यार करने लगी थी.. ओर आने वाले वक्तमे वो भी लखनके साथ आगे बढना चाहती थी.. लेकीन इस बारेमे नीलमको अभी बताना उसे उचीत नही लगा..
कीसी दिन नीलम उसे लखनके साथ देख लेती तो उनको नीलमको कोइ सफाइ देनेकी जरुरत ना पडे.. लेकीन अभी वो इस बातको कुछ दिनके लीये नीलमसे छुपाना चाहती थी.. ओर वो अेक बार नीलमसे छुपकर लखनको मीलना चाहती थी.. रमा अैसा खतरनाक मंसुबा लेकर सोने लगी.. तब रमाको ये नही पता था की नीलम भी उनकी बेटी हे.. वो भी अपनी तरफसे दिमाग लगाकर अपनी मर्जीसे जीना चाहती थी..
वो भी धिरेनको लेकर अभी अंसमजमे थी.. वो भी अभी तक कोइ नीर्णय नही लेपा रही थी.. की धिरेनके साथ सादी करके जींदगी गुजारे या लखनके साथ..? लेकीन धिरेनकी बात छुपाकर अपनी जींदगी लखनके साथ खुलकर जीनेके लीये जो बात कही इसी बातसे नीलमके मनमे रमाका जो थोडा बहुत डर था.. वो भी खतम हो गया.. ओर इसी बातका नीलम फायदा उठाकर अपनी मन मरजी करना चाहती थी..