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अपडेट पोस्टेड - एक मेगा अपडेट, जोरू का गुलाम - भाग २३९ -बंबई -बुधवार - वॉर -२ पृष्ठ १४५६
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Lajawaab.......मेरी सास, इनकी सास
"लेकिन ठीक है मम्मी ,उसके बाद मादरचोद बनाने की जिम्मेदारी आपकी। "
……
और उसके बाद तो ,मैं भूल नहीं सकती सुबह सुबह ,मम्मी जब निकलने वाली थी और उसके दो दिन बाद हम लोगों को यहां आना था।
मम्मी ने अपनी समधन को पटा तो लिया ही था की जब वो तीरथ से लौटेंगी तो मेरी मम्मी मेरी ससुराल जाएंगी और उन्हें लेकर हम लोगों के पास आएँगी लेकिन उस दिन तो उन्होंने हद कर दी ,मेरी सास से साफ साफ कबुलवा लिया की जब वो आएँगी तो ,..
एक एक बात याद थी मुझे और उस के पहले वाली रात तो सास दामाद की जबरदस्त रात भर कुश्ती भी हुयी थी , पूरे चार राउंड। इसलिए ये भी पूरे मूड में ,
जैसे मैं बिस्तर पर अक्सर गुड्डी बनकर इनसे ,..
उसी तरह उस दिन उनकी सास, सारी रात मेरी सास बन कर इनके साथ ,मिमिक तो वो पक्की थीं, एकदम मेरी सास की आवाज अंदाज में
सुबह सुबह।
और फोन उस दिन मेरी सास का ही आया था , रोज सुबह सुबह ब्रेकफास्ट के समय दोनों समधनों के बीच ऐसे संवाद होते थे की मस्तराम मात। और वो भी स्पीकर फोन ऑन कर के , ... और ये भी अपनी माँ की 'अच्छी अच्छी बाते ' खूब कान पार कर ,रस ले ले कर सुनते।
लेकिन उस दिन तो फोन उनकी माँ ,मेरी सास का ही आया ,पहले
" देर हो गयी आज , लगता है रात भर खूब मूसल चला ओखली में। " उधर से मेरी सास की आवाज आयी ,
( आफ कोर्स स्पीकर फोन आन था )
बात एकदम सही थी , मेरी सास का सिक्स्थ सेन्स गजब का था।
तीर एकदम निशाने पर लगा ,मैं और वो मॉम की ओर देख के मुस्कराने लगे। पर मॉम कौन सी कम थी ,पलटी मार के उन्होंने उल्टा हमला बोला।
" अरे घबड़ाती क्यों हैं , कुछ दिन की तो बात है , ले आउंगी न आपको यहाँ पे , फिर आपकी ओखल में भी दिन रात वही वाला मोटा मूसल चलेगा यहां पर। " मॉम बोली।
" अरे नेकी और पूछ पूछ , आपके मुंह में घी शक्कर , कब आएगा वो दिन , बहुत दिन से मेरी ओखल उपवास कर रही है। "
मेरी सास की खिलखलाती हुयी आवाज उधर से आयी।
" अरे वो मूसल भी बेताब हो रहा है आपकी ओखल की सेवा करने के लिए , "
खिलखिलाते हुए मॉम बोलीं और उनका आधा सोया आधा जागा मूसल उनके शार्ट से बाहर निकाल के रगड़ने मसलने लगीं।
" बहुत लंबा मोटा है मूसल आपकी आवाज सुन के खड़ा ,कड़ा हो रहा है। " अपने दामाद को छेडते ,चिढाते मम्मी अपनी समधन से बोली।
" अरे रात भर आपने लन्ड घोंटा है आपको मालुम होगा कितना मोटा ,कितना कड़ा ,... और मेरी ओखल लंबे मोटे से नहीं डरती अगर मेरी समधन ने घोंट लिया है तो मैं भी घोंट लुंगी , निचोड़ के रख दूंगी उसको। "
हंसती हुयी मेरी सास की आवाज आयी और उन्होंने संवाद का लेवल एक लेवल और बढ़ाया।
" देखूंगी ताकत आपकी , अपने हाथ से पकड़ के मोटा मूसल आपके भोंसडे में घुंसवाऊँगी , और फिर आप लाख मना करे ,चीखें चिल्लाएं , अपने मोटे मोटे चूतड़ पटकें ,बिना आपको दो बार झाड़े ,झड़ने वाला लन्ड नहीं है ये। " मम्मी ने भी उसी तरह जवाब दिया।
कुछ समधनों की बात चीत का असर , कुछ मम्मी की जादुई उँगलियों का ,उनका लन्ड एकदम मोटा ,पूरा ७ इंच का खड़ा कड़ा ,ताजादम हो गया था।
मम्मी ने एकझटके में खींच के सुपाड़ा भी खोल दिया और खूब मोटा ,गुलाबी भूखा सुपाड़ा बाहर।
" अरे मैं काहें मना करुँगी , मैं तो खुद घोंटने के लिए बेताब हूँ , और अच्छा हुआ आपने पहले चख के ट्राई कर के देख लिया छोटे पतले में मुझे तो पता ही नहीं चलेगा , जिस भोंसड़ी से दो दो बच्चे बाहर निकल चुके हों ,न जाने कितने अंदर बाहर हो चुके हों तो उसको तो लंबा मोटा ही ,... "
लेकिन मेरी सास की बात काटते हुए ,मम्मी ने जोर से उनके लन्ड को मुठियाते अपनी समधन को भरोसा दिलाया ,
" गारंटी मेरी , आपको गौने की रात याद आ जाएगी ,ऐसे हचक हचक के , ... एकदम कड़क है। चलिए आपको इसकी फोटो भेजती हूँ आपके व्हाट्सएप्प पर फिर देख कर बोलियेगा, हाँ पसन्द आये तो जरूर दो चुम्मी लीजियेगा उस मूसल की। "
टेक्नीकल असिस्टेंस तो मैं थी ही ,झट से मॉम के मोबाइल से उनके कड़े लन्ड की मैंने दो तीन फोटुएं खींची ,एक पगलाए बौराये सुपाड़े का क्लोज भी और अपनी सास को व्हाट्सएप्प कर दिया, उन्ही के बेटे के फोन से
३०-४० सेकेण्ड तक उधर से कोई नहीं आयी लगता है सासु जी उनके लन्ड का दर्शन करने में बिजी थीं ,और तभी दो मुआ मुआह ,..चुम्मियों की जबरदस्त आवाज आयी।
" पसन्द आया न " मम्मी ने पूछा।
" बहुत ,बस अब तो मन कर रहा है की कब अंदर घोटूं इसे। " सासु की बेचैन आवाज आयी।
" बस आप तीरथ से लौट आइये , और हाँ वहां पंडों से खूब दबवाइयेगा ,मसलवाइयेगा लेकिन नीचे की कुठरिया पर खबरदार ,... अब तो वहां यहीं ,... आप जिसदिन लौटेंगी अगले दिन मैं आपके पास और उसके अगले दिन हम दोनों यहां बस ,... "
मम्मी ने इनकी माँ के लिए पूरा प्रोग्राम बना दिया।
" एकदम ,.. हँसते हुए मेरी सास बोलीं , और पंडों की बात आपने एकदम सही कही ,तीर्थ का तो वो भी एक मजा है और बिना दबाये मसले , मीजे रगड़े तो वो छोड़ते भी नहीं है , लेकिन आप पक्का ,बल्कि जिस दिन मैं लौटूंगी उसी दिन आप आइये न और अगले दिन आपके साथ चल दूंगी। " मेरी सास हँसते हुए बोली।
मेरी मम्मी भी ,उस दिन तो उन्होंने लिमिट क्रास कर दी , सीधे इनसे बात करवा दी , और ये बिचारे
Mobile m bhi yhi problem Aa rhi h
I am not able to resolve this issue and it takes hours to reach the thread, if i am not able to find a solution, it may be hard for me to post, but i will keep on trying. i have tried all the forums . I use laptop and i dont use vpn, its sad but may be the story is jinxed. How i wish to take this story to its logical conclusion and my first foray into forbidden realm of Incest,...sad
Just now i discovered that this link is a malicious malware,
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Just google it, i have informed everybody and hope it is resolved soon.
She is master/PhD in all the forms of story telling.I just have read your English version again where you left the story in road journey and wrote one of the best monologue.eagerly waiting to read those magical portions once again.And I guess you wrote some special dinner for your hubby for special purpose at night.was that included in Hindi version??
भौजाई का दिमाग तो शैतान की चरखी की तरह चलता है....Chidiya fas rahi hai dhire dhire.....
Ya kuch plan kar rahi h ye bahan ki lodi abhi bhi?????
अब खुल के लाइन देंगी भी....Are wah.....
Ab dhire dhire line par Aa rahi h
ऐसा बिजनेस जिसमें धन के साथ तन को भी मजा मिले....Bhut bhut shubhkamnaye jethani ko naye business ki
ये तो मेरा भी आग्रह है....सबसे पहले आप माफ कर दे आप के इस बेहतरीन लेखन कला का मैं हाल फिलहाल में इस पर तारीफ के कुछ शब्द नही कह पाया।इसलिए हम सेक्षमाप्रार्थी है।
एक लेखक के लिए उसकी हौसला अफजाई बहुत ही आवश्यक होता है।उसको इससे लेखन का हौसला होता है।एक बार फिर से क्षमाप्रार्थी है।
आप एक उम्दा और बेहतरीन लेखिका है ये बात आप।की हर पोस्ट में साबित हो जाता है, हम सोचते हैं कि आगे इससे बेहतर क्या होगा लेकिन हर बार बेहतर से बेहतरीन होता है।सही ही कहा गया है "जहाँ पहुंचे न रवि वहां पहुंचे कवि" ।आप के कलम की जादूगरी को हम पाठकगण हर पोस्ट में महसूस करते हैं।हर पोस्ट पढ़ने समय सामने जैसे चलचित्र चल रहा हो यही महसूस होता है।सबसे बड़ी बात आप।देवनागरी लिपि में लिखती हैं ये सबसे उत्तम है।आप को पुनः साधुवाद।
आप के लेखनी का जादू सदा सर्वदा बनी रहे।
ये पहला पार्ट खत्म होने की कगार पर है, लेकिन आप से एक गुज़ारिश है जेठानी जी एक रगड़ाई को आप जरा सा विस्तार में बताए इण्टर वाला एक दिन मे 7 ये वाला किस्सा।
और अभी दिया के भाई और उनके दोस्त भी बाकी है ।
बाकी आप खुद ही समझदार हैं।
आप को शत शत नमन
दिया तो पक्की प्रोफेशनल है...bahoot bahoot dhnayvaad, asal men is business ko to oldest profession kahte hain aur Jethani ye Daan pahle bhi karti thi lekin apne assets monetize nahi karti thin, Diya ne unhe sikha diya,
यही तो फायदा है सोशल मीडिया का....जेठानी जी की हाल चाल आगे भी मिलती रहेगी,दिया है न। कभी व्हाट्सऐप तो कभी वीडियो काल औररिकार्डिंग तो पल पल की होगी इसलिए अब दूसरे भाग में 'सात यार 'वाले किस्से का हो सकता है नंबर कभी फ़्लैश बैक में आ जाए,
हो सके तो मेरी दूसरी कहानी पर भी इनायत फ़रमाइएगा। आज के पोस्ट की लिंक शेयर कर रही हूँ
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Adultery - छुटकी - होली दीदी की ससुराल में
भाग ९८अगली परेशानी - ननदोई जी, पृष्ठ १०१६अपडेट पोस्टेड, कृपया पढ़ें, मजे ले, लाइक करें और कमेंट जरूर करेंexforum.live
आप दोनों बहुत उम्दा लेखिका हैं.....Incest vaali story ka next part post ho gaya hai, vahan aapke comments ka bhi wait rahega, Dr sahiba ne comments kar diya hai i am ever thankful to her.