Luckyloda
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Lajawaab.......मेरी सास, इनकी सास
"लेकिन ठीक है मम्मी ,उसके बाद मादरचोद बनाने की जिम्मेदारी आपकी। "
……
और उसके बाद तो ,मैं भूल नहीं सकती सुबह सुबह ,मम्मी जब निकलने वाली थी और उसके दो दिन बाद हम लोगों को यहां आना था।
मम्मी ने अपनी समधन को पटा तो लिया ही था की जब वो तीरथ से लौटेंगी तो मेरी मम्मी मेरी ससुराल जाएंगी और उन्हें लेकर हम लोगों के पास आएँगी लेकिन उस दिन तो उन्होंने हद कर दी ,मेरी सास से साफ साफ कबुलवा लिया की जब वो आएँगी तो ,..
एक एक बात याद थी मुझे और उस के पहले वाली रात तो सास दामाद की जबरदस्त रात भर कुश्ती भी हुयी थी , पूरे चार राउंड। इसलिए ये भी पूरे मूड में ,
जैसे मैं बिस्तर पर अक्सर गुड्डी बनकर इनसे ,..
उसी तरह उस दिन उनकी सास, सारी रात मेरी सास बन कर इनके साथ ,मिमिक तो वो पक्की थीं, एकदम मेरी सास की आवाज अंदाज में
सुबह सुबह।
और फोन उस दिन मेरी सास का ही आया था , रोज सुबह सुबह ब्रेकफास्ट के समय दोनों समधनों के बीच ऐसे संवाद होते थे की मस्तराम मात। और वो भी स्पीकर फोन ऑन कर के , ... और ये भी अपनी माँ की 'अच्छी अच्छी बाते ' खूब कान पार कर ,रस ले ले कर सुनते।
लेकिन उस दिन तो फोन उनकी माँ ,मेरी सास का ही आया ,पहले
" देर हो गयी आज , लगता है रात भर खूब मूसल चला ओखली में। " उधर से मेरी सास की आवाज आयी ,
( आफ कोर्स स्पीकर फोन आन था )
बात एकदम सही थी , मेरी सास का सिक्स्थ सेन्स गजब का था।
तीर एकदम निशाने पर लगा ,मैं और वो मॉम की ओर देख के मुस्कराने लगे। पर मॉम कौन सी कम थी ,पलटी मार के उन्होंने उल्टा हमला बोला।
" अरे घबड़ाती क्यों हैं , कुछ दिन की तो बात है , ले आउंगी न आपको यहाँ पे , फिर आपकी ओखल में भी दिन रात वही वाला मोटा मूसल चलेगा यहां पर। " मॉम बोली।
" अरे नेकी और पूछ पूछ , आपके मुंह में घी शक्कर , कब आएगा वो दिन , बहुत दिन से मेरी ओखल उपवास कर रही है। "
मेरी सास की खिलखलाती हुयी आवाज उधर से आयी।
" अरे वो मूसल भी बेताब हो रहा है आपकी ओखल की सेवा करने के लिए , "
खिलखिलाते हुए मॉम बोलीं और उनका आधा सोया आधा जागा मूसल उनके शार्ट से बाहर निकाल के रगड़ने मसलने लगीं।
" बहुत लंबा मोटा है मूसल आपकी आवाज सुन के खड़ा ,कड़ा हो रहा है। " अपने दामाद को छेडते ,चिढाते मम्मी अपनी समधन से बोली।
" अरे रात भर आपने लन्ड घोंटा है आपको मालुम होगा कितना मोटा ,कितना कड़ा ,... और मेरी ओखल लंबे मोटे से नहीं डरती अगर मेरी समधन ने घोंट लिया है तो मैं भी घोंट लुंगी , निचोड़ के रख दूंगी उसको। "
हंसती हुयी मेरी सास की आवाज आयी और उन्होंने संवाद का लेवल एक लेवल और बढ़ाया।
" देखूंगी ताकत आपकी , अपने हाथ से पकड़ के मोटा मूसल आपके भोंसडे में घुंसवाऊँगी , और फिर आप लाख मना करे ,चीखें चिल्लाएं , अपने मोटे मोटे चूतड़ पटकें ,बिना आपको दो बार झाड़े ,झड़ने वाला लन्ड नहीं है ये। " मम्मी ने भी उसी तरह जवाब दिया।
कुछ समधनों की बात चीत का असर , कुछ मम्मी की जादुई उँगलियों का ,उनका लन्ड एकदम मोटा ,पूरा ७ इंच का खड़ा कड़ा ,ताजादम हो गया था।
मम्मी ने एकझटके में खींच के सुपाड़ा भी खोल दिया और खूब मोटा ,गुलाबी भूखा सुपाड़ा बाहर।
" अरे मैं काहें मना करुँगी , मैं तो खुद घोंटने के लिए बेताब हूँ , और अच्छा हुआ आपने पहले चख के ट्राई कर के देख लिया छोटे पतले में मुझे तो पता ही नहीं चलेगा , जिस भोंसड़ी से दो दो बच्चे बाहर निकल चुके हों ,न जाने कितने अंदर बाहर हो चुके हों तो उसको तो लंबा मोटा ही ,... "
लेकिन मेरी सास की बात काटते हुए ,मम्मी ने जोर से उनके लन्ड को मुठियाते अपनी समधन को भरोसा दिलाया ,
" गारंटी मेरी , आपको गौने की रात याद आ जाएगी ,ऐसे हचक हचक के , ... एकदम कड़क है। चलिए आपको इसकी फोटो भेजती हूँ आपके व्हाट्सएप्प पर फिर देख कर बोलियेगा, हाँ पसन्द आये तो जरूर दो चुम्मी लीजियेगा उस मूसल की। "
टेक्नीकल असिस्टेंस तो मैं थी ही ,झट से मॉम के मोबाइल से उनके कड़े लन्ड की मैंने दो तीन फोटुएं खींची ,एक पगलाए बौराये सुपाड़े का क्लोज भी और अपनी सास को व्हाट्सएप्प कर दिया, उन्ही के बेटे के फोन से
३०-४० सेकेण्ड तक उधर से कोई नहीं आयी लगता है सासु जी उनके लन्ड का दर्शन करने में बिजी थीं ,और तभी दो मुआ मुआह ,..चुम्मियों की जबरदस्त आवाज आयी।
" पसन्द आया न " मम्मी ने पूछा।
" बहुत ,बस अब तो मन कर रहा है की कब अंदर घोटूं इसे। " सासु की बेचैन आवाज आयी।
" बस आप तीरथ से लौट आइये , और हाँ वहां पंडों से खूब दबवाइयेगा ,मसलवाइयेगा लेकिन नीचे की कुठरिया पर खबरदार ,... अब तो वहां यहीं ,... आप जिसदिन लौटेंगी अगले दिन मैं आपके पास और उसके अगले दिन हम दोनों यहां बस ,... "
मम्मी ने इनकी माँ के लिए पूरा प्रोग्राम बना दिया।
" एकदम ,.. हँसते हुए मेरी सास बोलीं , और पंडों की बात आपने एकदम सही कही ,तीर्थ का तो वो भी एक मजा है और बिना दबाये मसले , मीजे रगड़े तो वो छोड़ते भी नहीं है , लेकिन आप पक्का ,बल्कि जिस दिन मैं लौटूंगी उसी दिन आप आइये न और अगले दिन आपके साथ चल दूंगी। " मेरी सास हँसते हुए बोली।
मेरी मम्मी भी ,उस दिन तो उन्होंने लिमिट क्रास कर दी , सीधे इनसे बात करवा दी , और ये बिचारे
Bhut shandaar