सृती : (सरमाकर हसते) लता.. तुमने तो प्यारके मायने ही बदल दीये.. मे भी अैसे रीस्तोके बारेमे सुनती हुना.. तो बहुत गरम होजाती हु.. यहा तक की मे अपने आपपे कंट्रोल भी नही कर सकती.. कास.. मेरा भी कोइ भाइ होता..
लता : (मुस्कुराते) भाभी.. फीकर मत करो.. मामाका लडका भी भाइ ही होता हे.. हें..हें..हें..
लताकी बात सुनकर सृतीका दिमाग तेज चलने लगा.. क्युकी उनकी नजरमे भुमीका भी कीशनकी बहेन थी.. ओर अभी लताने कहा.. की हमारे ससुरने उनकी बहेनको भी नही छोडा.. तब सृतीके मनमे विचारोका धमासान युध्ध होने लगा.. क्युकी वो भी अपने ससुरको पहेले मामा मामा कहेती थी.. उनके मनमे आसंकाये होने लगी.. की क्या उनकी मम्मीका भी उनके किशन मामाके साथ रीलेशन होगा..?
सृती : (मनमे सोचते) हे भगवान.. मेरी मम्मी भी तो मेरे मेरे ससुरको भाइ मानती थी.. ओर मे भी इनको मामा ही कहेती थी.. तो क्या मेरी मम्मीका भी मेरे ससुरके साथ रीलेशन होगा..? कही मे भी तो मेरे ससुरकी संतान नही हुनां..? नही नही.. मे ये क्या सोच रही हु.. अैसा कभी नही हो सकता.. मे ये कभी स्वीकार नही करुगी.. लेकीन मंजुतो केह रही थी.. की देवुने उनकी सभी बहेनोके साथ सादी करली हे.. तो सादी तो मेने भी देवुसे की हे.. तो क्या मे भी देवुकी बहेन हु..? हे भगवान.. ये तुमने मुजे कैसी उलजनमे डाल दीया..?
लता : (कंधेसे पकडकर हीलाते) भाभी.. कहां सोच मे डुब गइ..? कुछ प्रोबलेम हे क्या..?
सृती : (तंद्नासे बहार आते) अरे नही नही.. लता.. तुम क्या केह रही थी..? (बात बदलते) लता.. आज अच्छा मौका हे.. तुजे भी पीरीयडका प्रोबलेम हे.. ओर अभी अभी रजीयाको भी होगया.. तो आज मेरा देवर बीलकुल फ्रि हे.. भेजदे उनको रमा भाभीके पास.. अब देखते हे मेरा देवर रमा भाभीका क्या हसर करते हे.. कमीनी कहीकी.. मे तो इन मां बेटीकी चीखे सुनना चाहती हु.. हें..हें..हें..
लता : (हसते धीरेसे) भाभी.. बात तो आपकी सही हे.. मे भी यही सोच रही हु.. जबसे दोनो यहा आइ हे.. दोनो मां बेटी लखनकी ओर कुछ अजीब नीगाहोसे देख रही हे.. लगता हे भाभी ओर लखनका कुछ तो चकर हे.. जो भाभी खुद लखनसे चुदवाना चाहती हे.. हें..हें..हें..
सृती : (हाथ पकडकर हसते धीरेसे) लता.. तो मेरे देवरको कहेदे.. आज इनकी फाडके रखदे.. हम दोनो नीचे जाकर उनकी चीखे सुनेगी.. अब तो तुमने खीडकी भी खोलदी हे.. हम इनका लाइव सो भी देखेगी.. हो सकेतो रेकोर्ड भी करलेगे.. ओर पुनो दीदीको भेज देगे.. क्या कहेती हो..? हें..हें..हें..
लता : (सरमाकर हसते) ठीक हे भाभी.. मे लखनसे बात करती हु.. अब चलीये नीचे चलते हे.. खाना तो बन गया हे.. अभी वो दोनो भी आते होगे.. देखा नही.. कमीनी कैसे जटसे उनके साथ पटाका बनकर चली गइ.. भाभी.. लगता हे दोनोके बीच जरुर कुछ तो चकर हे.. हें..हें..हें..
सृती : (हसते धीरेसे) लता.. रमा भाभीका तो ठीक हे.. लेकीन हमे नीलुका खयाल रखना पडेगा.. देखना वो कीसी भी हालमे लखनसे प्रेगनेन्ट नही होनी चाहीये.. वरना हम सब फस जायेगे.. हमे सीर्फ धिरेन नीलुके लीये इनको सीर्फ सबक सीखानी हे.. कमीनी धिरेनसे सादी करना चाहती हे..
लता : (मुस्कुराते) भाभी.. आप इनकी फीकर मत करो.. मे इनका पुरा खयाल रखुगी.. रमा भाभी चली जायेगी.. तब हम इनका भी इलाज करवा लेगे.. आपका देवर बहुत रंगीन मीजाजके हे.. नीलु उनकी साली हे तो वो कबसे नीलुके उपर डोरे जमाये हुअे हे.. हें..हें..हें.. बस.. अेक बार उनके नीचे आजाये तो वो धिरेनको भी भुल जायेगी..
सृती : (खडी होते धीरेसे हसते) लता.. लखन तो पहेलेसे ही रंगीन मीजाजके हे.. सीर्फ वो ही नही.. इनके सभी दोस्तो रंगीन मीजाजके हे.. इसीलीये तो कमीने सभी दोस्तोने वो जडी बुटीका कोर्ष कीया हे.. ओर आज सभी दोस्तो अपनी बहेनसे सादी करके उनको ठोकते हे.. इसीलीये तो लखन भी अपनी बहेनके पीछे पडा हे.. तुम भी तो इनकी बहेन हो.. लगता हे अब तो पुनो दीदी भी इनकी चपेटमे आजायेगी.. हें..हें..हें..
लता : (खडी होकर बहारकी ओर जाते) भाभी.. जो भी हो.. मुजे सीर्फ इतना पता हे.. आने वाली जींदगी हम सबके लीये बहुत ही रंगीन होगी.. अैसा पुनम दीदी केह रही थी.. लगता हे वो भी इस बातके लीये तैयार हे.. चलीये.. मे रजीया दीदीका खाना यही लेकर आती हु.. बीचारी सारा दिन काममे ही लगी रहेती हे.. मेरे सामने तो कुछ बोलती ही नही..
सृती : (सरमाकर मुस्कुराते) लता.. वो बहुत ही अच्छी हे.. अब तुजे नही लगता.. की रजीया दीदीको अेक बच्चा होना चाहीये.. हंम..? मेरी मान तुम भी अेक बच्चा करले.. हें..हें..हें..
लता : (मुस्कुराते) हां भाभी.. उनको बच्चेकी बहुत आस हे.. मे लखनको कहुगी.. इनको बच्चा देदे.. ओर जहा तक मेरी बात हे.. वो तो सब आप भी जानती हे.. मुजे लखनसे बच्चा कभी नही होगा.. इसके लीये आपके पती हेनां.. हें..हें..हें..
सृती : (हसते अेक मुका मारते) तु बहुत ही कमीनी हो.. मेरे पतीपे डोरे डाल रही हो.. हें..हें..हें..
दोनो ही कामुक बाते करते नीचे आगइ.. तब दोनोने अपनी चुतको गीली करली थी.. तो सृतीको अभी चुदवानेकी बहुत इच्छा होने लगी थी.. अबतो वो देवायतसे ज्यादा लखनके बारेमे सोचने लगी थी.. तभी सृतीको वापस उल्टी जैसा होने लगा.. तो वो मुहपे हाथ रखकर जटसे कोमन बाथरुममे चली गइ.. तो लता भी जटसे उनके पीछे चली गइ.. देखा तो सृती उल्टीया कर रही थी.. तो लता उनकी पीठ सहेलाने लगी..
लता : (मनमे खुस होते) भाभी.. अचानक क्या हुआ..? हंम..? क्या होस्पीटल चालना हे..? तो मे लखनको बुला लेती हु..
सृती : (सरको नामे हीलाते मुह साफ करते) अरे नही लता.. रुकजा.. आज दुसरी बार उल्टीया हुइ हे.. जब हम स्कुटर लेने गये तब भी हुइ थी.. लता.. मुजे लगता हे.. मे प्रेगनेन्ट होगइ हु.. मेरे पास टेस्ट कीट भी खतम होगइ हे.. कल मे मेरी फ्रेन्डके पास जाकर टेस्ट करवा लुगी.. तु चीन्ता मत कर..
लता : (खुस होते मुस्कुराते) भाभी.. क्या केह रही हे..? मेरे पास अभी दो कीट पडी हे.. क्या मे आपको देदु..? हंम..? आप सुबह टेस्ट करवा लेना.. अगर पोजीटीव आया तो मेभी आपके साथ चलुगी..
सृती : (मुह पोछते मुस्कुराते) लता.. इसकी कोइ जरुरत नही हे.. मे वहीसे सीधी क्लीनीकपे चली जाउगी.. अभी उल्टीकी टेबलेट ले लेती हु.. सब ठीक होजायेगा.. तु चीन्ता मत कर.. ओर सुन.. जबतक कंन्फर्म नही होजाता तु इसके बारेमे कीसीको बताना नही..कल रीपोर्ट आनेके बाद मे खुद देवु ओर मंजुको सरप्राइज देना चाहती हु..
लता : (मुस्कुराते धीरेसे) भाभी.. मंजु दीदीको सरप्राइज दोगी..? आपको तो पता हेना उनको ओर पुनोदीदीको सब पता चल जाता हे.. तो उनको तो सब पता होगा.. आप पुनो दीदीसे क्यु नही पुछ लेती..? पता नही मेरे नसीबमे अैसा मौका कब आयेगा..