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Fantasy " Girls Hostel " { Completed }

harshit1890

" End Is Near "
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~~INDEX~~

Chapter 1 ~~ " Supriya "
Chapter ~~ 2 " The Illusion "
Chapter ~~ 3 " Catatonic Schizophrenia "
Chapter ~~ 4 " A True Face "
Chapter ~~ 5 " The Antiquarian "
Chapter ~~ 6 " The Amazon "
Finale
Chapter 7 : " Book Of Hoax "

Some Comments for this story :love: (Late Add-on :sigh:)

सच में , यह पुरी स्टोरी दिमाग के परखच्चे उड़ाए जा रही है । कभी लगता है कहानी में सस्पेंस है तो कभी लगता है भ्रम जाल का ताना-बाना बुना हुआ है तो कभी लगता है जैसे कोई रूहानी ताकतें हैं तो कभी लगता है यह सिंपल स्टोरी है जिसमें आरूहि एक गम्भीर बिमारी से पीड़ित है ।

मुझे लगता है इससे बेहतरीन कहानी फिलहाल तो इस फोरम पर नहीं है । और सबसे बड़ी खासियत है आपके लिखने का स्टाइल और अंदाज । आउटस्टैंडिंग हर्षित भाई ।
thoos thoos ke khana khaya aaruhi ne jo ekdam majedar horror type scene tha ..
सही में , हर्षित भाई ! मुझे बहुत ही दया आने लगा है आरूहि पर । अगर किसी हरामखोर की वजह से उसकी हालत ऐसी हुई है तो उसे जहन्नुम का रास्ता जरूर दिखला दिजियेगा ।
WTF!!! Yahi pehla reaction nikalta hai is kahani ko poora padhne ke baad... Halanki pehle bhi maine is kahani ke kuchh 7-8 updates padhe huye the par jab is baar padhna shuru kiya to ek naya sa romanch har beet te update ke saath banta gaya... Bohot hi zyada behatreen tareeke se likhi gayi kahani hai ye, ab jis prakaar ka plot imagine kiya hai lekhak saahab ne uske baad ek nausikhiya bhi likhe to bhi kahani halki nahi ho sakti, aur yahaan jis level ka narration, aur scene specialization hame padhne ko mila hai, wo kaafi hai dikhane ke liye that this is, without a doubt,one of the finest stories available on XF... Chahe wo running stories hon ya fir completed, aur chahe future mein likhi jaane waali kahaniyan, is story ka ek alag hi sthaan bana rehne waala hai forum par... Aur iske liye writer saahab ki jitni bhi tareef ki jaaye wo kam hi hogi...

Fantasy genre ke saath shuru huyi ye kahani, kab alag - alag genres ke darshan karane lagi padhte waqt katayi pata nahi chala... Horror, Suspense, Thriller, Adventure, Romance and of course Fantasy, aur saath hi mein Erotica ke ansh bhi... Ek story mein is se zyada kis cheez ki apeksha kar sakta hai reader!? Again, one of the best stories I've ever read... Outstanding Stuff harshit1890 bhai... :bow: :bow: :bow:
Kya hi khubsurat kahani likhi hai aapne bhai... I'm just speechless, jitni bhi tareef karunga kam hi hogi... Erotica ka bhi bilkul sahi situation mein use Kiya gaya hai aur sabse important har kirdaar par lekhak ki shaandar pakad bani rahi hai... Har character ka kahani mein hona justify kiya gaya hai, kahin bhi koyi bhi character bina matlab nahi ghus aaya...

Ab dekhna ye hai ke Mehta waali meeting mein kaun kaun shaamil tha aur unka maksad kya tha? Aur Shruti is sab ki sachayi jaan bhi paayegi ya nahi? Aruhi sach mein kisi beemari ka shikaar hai ya kewal naatak kar rahi hai? At last, Ek baar ko apun ko ye bhi laga ke asal mein ye sab jo ho raha hai wo kewal Shruti ki kalpana hai... :dazed:

Outstanding Story & Updates Bhai & Waiting For Next...
Harshit bhai... Kayi horror stories padhi hain maine, joki poori tarah se horror genre par based hain but jis tarah ka scene aap create karte ho, taking into note ye story horror genre par based hai bhi nahi, that's phenomenal...
meghnath naam rakhne ke pichhe ki kahani bhi majedar hai 😍😍😍..
jab me TV nahi dekhta( waise tha nahi nahi ghar par ) tha bachpan me aur bas naam suna karta tha to khudko SHAKTI KAPOOR. kehta tha dosto ke bich 🤣🤣🤣..ye kissa padhke bachpan ki yaade taaza ho gayi 😍😍😍..
Slowly my interest is increasing towards the story full of adventure, fun to read, no doubt you are a great writer, thank you for writing such a beautiful story.
Have to admit, your story completely twists the thinking, sometimes it seems in the mind that it is just a disease and sometimes it seems like something supernatural. Your writing is commendable, even after writing this much there are many questions and there will be many such points which I have missed. In some scenes there was a combination of intensity as well as erotic scenes, which you have shown very well, what should I say now, now the words of praise are over understand my feelings.
harshit1890 Hats Off... enjoyed it. :applause:
but why were you making her nude everytime in front of everyone. :angry:
मुझे नहीं लगता दुनिया में कोई भी ऐसा माई का माल होगा जिसे इस कहानी की पहेली समझ में आ रही हो। गजब का दिमाग हिला रखा है आपने हर्षित भाई।
The whole incident, that Mansion one was written so beautifully that no words are sufficient to describe it! Ismein koyi doraye nahin ki maine aaj tak kisi ko bhi is tarah ka horror likhte nahi dekha hai... Haunted ko read kiya tha maine, kaafi pehle, aur main bilkul daave se keh sakta hoon, that you're the best,when it comes to generating real fear in readers, while they read the story..
Bhatt the phakk is this estory?:redface:
 
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इस शैतान , इस राक्षस , इस निशाचर कलि रूप्यकम् और इस कलि रूप्यकम् के दोनो नाजायज संतान - कोक और विकोका - की ऐसी की तैसी !
और इस श्रुति की तो उससे भी बड़ी ऐसी की तैसी । :mad:
यह लोग खुद को क्रिएटर से , सृष्टिकर्ता से ऊपर मानने लगे हैं । जरूर कलयुग का बहुत ज्यादा ही असर पड़ गया है इनपर ।
बड़े बड़े राक्षस की जब न चली तो फिर यह किस खेत की मूली हैं !
आरूहि ने बिल्कुल सच कहा कि जो भी इस दुनिया मे आया है उनका अंत अवश्यंभावी है । हर चीज नश्वर है । अनश्वरता का वरदान किसी को भी प्राप्त नही है । जब सतयुग , त्रेता और द्वापर का कालखंड नष्ट हो गया तब इस कलि रूप्यकम् , इस कलयुग की क्या बिसात है !


वैसे Aakash. भाई काफी हाई एजुकेटेड व्यक्ति है , साइंस के स्टूडेंट रहे हुए है पर KEKIUS MAXIMUS भाई और मै बिल्कुल ही साधारण इंसान के कैटेगरी मे आते हैं । हमारा सब्जेक्ट भी साइंस नही था । फिर यह गुढ बातें हमारे समझ मे कैसे आयेगी ! :D
आप ने तो हमे उड़न खटोले पर बैठाकर तारों से भी पार पहुंचा दिया । जबकि हमे साधारण ग्रहों और उपग्रहों की भी ठीक से जानकारी नही है । :hmm:

खैर यह हुआ सो हुआ पर यह कैसी बात है कि इस अपडेट का प्रश्न ढूंढे !
लोग बाग प्रश्न का एंसर देते हैं न कि एंसर का प्रश्न ! :?:

फिर से बात करते है अपडेट की ।
श्रुति मैडम के अनुसार वह असल मे डाॅक्टर महाजन है । लेकिन यह डाॅक्टर महाजन मैडम भी इस धरती की बाशिंदा नही है । इन्होने एक्चुअल महाजन मैडम को मारकर उसका रूप धर रखा है । तो फिर इनकी असली पहचान क्या है ?
इस मोहतरमा के मुताबिक कलि के दोनो नाजायज औलाद एक बुक्स के भीतर छुपे हुए है और इनकी शक्ति भी किसी काम की रही नही । इन नालायकों का बाप कलि रूप्यकम् किसी ऐसे टाइम लाइन मे जाकर अन्तर्ध्यान हो गया है कि सृष्टि के रचनाकार को भी ढूंढने से नही मिल रहा है ।
फिर यह , कमिनी श्रुति मैडम से कलि रूप्यकम् का सम्पर्क कैसे हुआ ?
और वह ऐसा क्या करेगी कि कलि साहब टाइम लाइन से टाइम ट्रेवल करके वापस पृथ्वी पर आ जायेंगे ?

और श्रुति के ही प्रश्न मै दोहरा रहा हूं - आखिर आरूहि ही क्यों ?
आरूहि को कैसे संदेह हुआ कि नागपुर और राजस्थान के एक कालेज से लड़कियाँ गायब होती जा रही है ?

खैर , कथित महाजन मैडम ने बहुत अच्छी अच्छी बातें की । मल्टीवर्ष , रियलिटी , गुरुत्वाकर्षण , टाइम लाइन , टाइम ट्रेवल , स्पेस , आकाशगंगाओं की अच्छी अच्छी जानकारी दी ।
उनकी कितनी बातें सच है और कितनी भ्रमित यह अब भी साइंटिस्ट के लिए रिसर्च का सब्जेक्ट बना हुआ है लेकिन उनकी एक बात से मै अवश्य इत्तफाक रखता हूं और वह है उनकी स्वांग वाली बात ।
वैसे स्वांग पर भी उन्होने भ्रमित करने का प्रयास किया । वास्तविकता यह है कि मानव जीवन मे जन्म और मृत्यु एक स्वांग की तरह ही है । जैसे कि गहरी नींद मे हम कोई स्वप्न देखते हैं और जागृत अवस्था मे आते ही स्वप्न टूट जाता है ।

इस श्रुति मैडम उर्फ महाजन मैडम , इस कलयुग के अवतारी राक्षस कलि रूप्यकम् और उसके दोनो पावरफुल संतान कोक और विकोका का अंत भी उसी तरह सुनिश्चित है जिस तरह पौराणिक काल मे दानवों का हुआ था । :chop:
इस कलि का सर्वनाश स्वयं कल्कि अवतार करेंगे ।:D

जगमग जगमग अपडेट हर्षित भाई ।
 

Aakash.

ᴇᴍʙʀᴀᴄᴇ ᴛʜᴇ ꜰᴇᴀʀ
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जब निर्माता ने इस दुनिया का निर्माण किया निर्माता शायद यहां ब्रह्मांड का निर्माण करने वाले को कहा गया है और इसी के साथ कलि का भी लेकिन कलि को निर्माता द्वारा दिए गए रूप, फैसले और विचार पसंद नहीं आए जिसके चलते उसने क्रोध में दो बच्चों को जन्म दिया और उन्हें शक्तियां दी जिसकी खबर निर्माता को मिलते ही उन्होंने कलि को समझाने की कोशिश की लेकिन ये कोशिश युद्ध पर जाकर खत्म हुई अपने पिता कलि को मरते देख उसके दोनों बेटों ने अपनी शक्तियों को एक किताब मे एकत्रित करके कलि को किसी अलग ब्रह्मांड और समयरेखा पर भेज दिया जिसका ज्ञान सिर्फ उन दोनों को था और यही शक्तियां तो उनके पिता ने उन्हें दी थी।

अब निर्माता और कलि के दोनों बच्चों के बीच युद्ध हुआ लेकिन अपने ही वरदान के चलते वो उन्हें हरा नहीं पाए और अंत मे उन्होने उनकी पहचान ज्ञान सबकुछ छीन लिया और इसी के साथ कलि कहा है और वह किताब कहा है यह राज भी दफ़्न हो गया। धीरे-धीरे जैसे जैसे युग बदलते गए लोगों की सोच भावनायें बदलती गई क्योंकि निर्माता की पसंद की हर चीज़ में कलि का एक हिस्सा मौजूद है और जब यह पूर्ण रूप से हिंसा,शराब,महिला हिंसा,लालच से भर गया तब कलि और भी ज़्यादा ताक़तवर हो गया और वर्तमान मे यह समय कलयुग का है हमारे ग्रंथों में इसका उल्लेख है।

Simulation इस शब्द से मुझे matrix मूवी की याद आ जाती है हम सभी एक Simulation में जी रहे है श्रुति के हिसाब से जहा पैदा होने से मृत्यु तक, सुबह से शाम तक सबकुछ प्रोग्राम किया गया है और इस Simulation के बाहर जो निकल जाता है वह समय के जाल से भी बाहर निकल जाता है। अब आते है gravity और स्पेस time पर : किसी भी चीज का मास होता है और उसी मास की वजह से स्पेस बैंड होता है जिससे ही gravity बनती है और जितनी ज़्यादा gravity होती है समय उतना ही धीरे हो जाता है और जितनी gravity कम होती है उतना ही समय तेज हो जाता है अब उस खण्डहर में gravity ज़्यादा है जिसका मतलब है वहां का समय बाकी सभी जगह से धीरे चलता है। इसी gravity और स्पेस time की मदद से उसने एक ऐसे बॉक्स को बनाया जिससे वह multiverse में ट्रैवल कर सकती है और इतना तो हमें भी पता है कि हर universe और हर timeline में हमारा ही एक रूप मौजूद है बस थोड़ा फर्क़ होता है जैसे हमारा नाम काम भूमिका बाकी सब same होती है कहने का मतलब है श्रुति ने वह हासिल कर लिया जिससे वह हमेशा जवान रहे और कभी भी नहीं मरे।

Illusion drug जिसको श्रुति ने multiverse वाली श्रुति को जान से मारकर हासिल किया था हमे इतना तो पता है कि अगर किसी timeline में हेर-फेर करो तो वहां से नई timeline शुरू हो जाती है श्रुति ने उस गैप को भी पूरा कर दिया और थोड़े changes के बाद उसका इस्तेमाल आरोही पर किया जिससे वह illusions को खुद experience कर सकती थीं आरोही और मेघनाथ के illusions ने उसने किताब हासिल की और अब वह उस बुक की सहायता से कलि को वापस लाना चाहती है।

पता नहीं क्यों लेकिन मुझे ऐसा लगता है कि आरोही ने बिल्कुल सही कहा जिसकी शुरुआत हुई है उसका अंत भी निश्चित है कोई भी चीज Immortal नहीं है सिवाय एनर्जी के क्योंकि ना ही इसे बनाया जा सकता है और ना ही इसे खत्म किया जा सकता है। कलि के अंत के लिए कल्की अवतार का भी उल्लेख किया गया है हमारे ग्रंथ में जिससे इस युग का अंत होकर नए युग की शुरुआत हो सके। श्रुति को बहुत मज़ा आ रहा है ना इस खेल में खुद को बहुत बहादुर शातिर समझ रही है बहोत मजा आ रहा है ना उसको आरोही को ऐसे तड़पती देखने में लेकिन उसे नहीं पता भले ही वह समय से परे है लेकिन हम उसे इसी समय मे बांध भी सकते है आरोही का एक सवाल था श्रुति से क्या तुम समय को ठीक से समझ गयी हो और श्रुति ने इसका जवाब नहीं दिया मेरा ऐसा मानना है समय को पूरी तरह से कोई नहीं समझ पाया है आज तक जैसा श्रुति ने कहा इन सब में हमारी ही गलती है ठीक है मान लेते है लेकिन कहीं ना कहीं इसमें श्रुति भी शामिल है इसीलिए वह भी दोषी ही है।

आरोही को ये सब कैसे पता था क्योंकि श्रुति के हिसाब से आरोही और मेघनाथ जुड़े हुए थे और वह इसी गुत्थी को सुलझाने की कोशिश कर रहे थे और श्रुति इस कहानी से कैसे जुड़ी हुई है क्या वह भी शुरूवात से है कुछ तो अभी भी अधूरा ही है जिसे मैं पूरी तरह से जोड़ नहीं पा रहा हूँ। आरोही कलि का ही रूप है शायद क्योंकि वह दलदल इंसानो की क्रूरता से भरा हुआ था जहा एक पौधे का जन्म हुआ और उस पौधे की मदद से आरोही का जन्म हुआ ऐसा श्रुति का कहना है।

बस इतना ही समझ मे आया हमे सवाल क्या करना है आपसे ये हमे पता नहीं और किस पॉइंट को हम गलत समझ गए कि यह भी हमे पता नहीं।

KEKIUS MAXIMUS Hindi review sirf tumhare liye ab daaru ka paisa bhej dena :drink2:
 

Aakash.

ᴇᴍʙʀᴀᴄᴇ ᴛʜᴇ ꜰᴇᴀʀ
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Chahta to mai tha ki in dino mein hi kahani ko complete kr du but aaj ke baad maybe i will no be available for atleast next 15-20 days.. Aur sirf do update reh jane wale hai jo kahani ko pura kar dete. But time... is so fuckin cruel... :D

I thought ki end mein bina koi delay ke du, but aisa nahi ho payega.. i will post one today... Sorry for this all..
Accha hi hai kyuki ek baar kahani khatam hui fir aap Kab darshan donge kise pata kahani ke bahane hi sahi milte rahege ek dusre ko gaaliya dete rahege :dost:
 

Aakash.

ᴇᴍʙʀᴀᴄᴇ ᴛʜᴇ ꜰᴇᴀʀ
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Bina sawal ke review doge to samajh jaunga kuch samajh nahi aya :D
Kuch nahi samjh aaya mitra :verysad: next update post karne ke pahle is update ka ek version or post karo hum moti buddhi waale masoom log hai kuch humara khayal rakho :sigh2:
 

Aakash.

ᴇᴍʙʀᴀᴄᴇ ᴛʜᴇ ꜰᴇᴀʀ
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वैसे Aakash. भाई काफी हाई एजुकेटेड व्यक्ति है , साइंस के स्टूडेंट रहे हुए है
Itna aapko yaad kaise rahta hai ritu ji :shocking:
 
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Kuch nahi samjh aaya mitra :verysad: next update post karne ke pahle is update ka ek version or post karo hum moti buddhi waale masoom log hai kuch humara khayal rakho :sigh2:
विगत कुछ साल से हर्षित भाई साहब साइंस के इस रहस्यमय ब्रह्मांड और टाइम लाइन पर कुछ ज्यादा ही मेहरबान है । इसी सब्जेक्ट पर अब कहानियाँ अधिक लिखने लगे है । :D
यह सब अबतक फैंटेसी ही बना हुआ है ।
पर क्रिएटर अर्थात सृजन कारक को चैलेंज करने से बढ़कर और कोई मूर्खता भी नही ।
इस ब्रह्मांड मे अगर कोई अमर है तो वह है आत्मा और परमात्मा । वैसे दोनो एक ही है , यह अलग बात है कि इंसान अपनी आत्मा की असलियत से वाकिफ नही ।

और जहां तक बात है परमात्मा को चैलेंज देने की तो मधु और कैटभ का जन्म तो परमात्मा के कान के मैल से ही हुआ था , इसी से आप इनकी शक्ति की कल्पना कर सकते है पर इनका भी अंत हुआ ।
हिरण्याक्ष , हिरण्यकश्यप , रावण , कुंभकर्ण , मेघनाथ ,
शुंभ , निशुंभ , महिषासुर , रक्तबीज इत्यादि जैसे वरदान धारी बलशाली असुरों को भी अपनी जान गंवानी पड़ी ।

वैसे हर्षित भाई ने रियलिस्टिक के साथ , पौराणिक मान्यताओं के साथ साइंस फिक्शन का जो तालमेल बैठाया है वह रियल मे अद्भुत है ।
 
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romanchak Update. ab ye kali ko lekar aa gayi shruti jisko creator ne hara diya hai par wo kisi time line me jinda hai aur apni power badha raha hai ..
par ye kali kaise sampark karta hai shruti se jo wo keh rahi hai ki kali ne usko madad ki ..

alag time line ki mahajan ne achche kaam ke liye jo drugs banaye the uspar kabja kar liya aur achchi Mahajan ko maar diya .

par ye aaruhi kya dhundne aayi thi college me ??? aur shruti ke jariye ek aur raaz se parda hat gaya ki aaruhi aur meghnath dono saath the .

shruti ne hi sharma ko aur sab stake holders ko maar diya apne maksad ke liye jo shayad usko kali ko vapas lana tha 🤔..

dusre Mahajan se laya hua drugs sahi istemal kar rahi hai shruti ,sabko pakad ke kaid me rakha hai aur sab real duniya me khojbin karne ke illusion me fanse hai ..
waise kya sirf ek hi maksad hai shruti ka ko kali ko vapas Lana hai ? aur ye aaruhi kaise madadgar ya mohra ban sakti hai kali ke vaapsi ke liye ..

ye facility kya hai aur kya wo usi kamre me hai jaha aaruhi aur shruti reh rahi hai ??kyunki jaise urvashi chali gayi thi bahar waise hi shruti aaruhi ke paas pahuch gayi .🤯🤯🤯🤯.. kya urvashi yaha aayi hi nahi thi wo bas illussion tha aaruhi ka ..

kya koi hero type bacha hai kahani me jo shruti ko pakad sake aur aaruhi ko bacha sake 🤔🤔..saare characters ko to shruti ne maar diya ya kaid me rakha hai ..

jaise shruti ne kaha ki aaruhi ka janm kali se hua hai aur wo facility ki best creation type hai to usme kuch power hogi kya jisse wo shruti jaise shatir doctor ko maat de sake ..
 

harshit1890

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Update ~~ 122
" The Mother "

" Everything is going with the plan. I know about your mother, everything about her aur uske baad Vandana jiski wajah se us din tum bangle mein bach gayi thi, tumhari khas dost Vandana. She died in a mysteryous way... Maine jab thodi chaan-been karwai to kuch hath nahi laga, to mujhe laga shayad koi gehra rishta raha ho uske sath tumhara, maybe u loved her? " shruti ki baat sun aaruhi ne use nazre fer li.

" But sab kuch mil gaya mujhe .. even vo bhi jo mai itne salon se khoj rahi thi bas ek sawal ka jawab nahi mila ki tum yahan ayi hi kyun? " shruti ne sawal kiya aur fir khud hi bol padi " But does it matter now? no na aaruhi? Ab is sawal ka kya matlab.. mujhe tum chahie thi, to mere कलि ne mujhe tumhe lakar de hi diya, now i will use you to release him .. i will give him back his body , his soul and his all power.. aur abki vo tumhare hi creator ki dunia mein ek aisi sena banyega jise koi kabhi hara nahi payega, This is how he will be in creators home. You will bring him back aaruhi.. " shruti muskurate hue boli aur uski taraf badhi.

Shruti aaruhi ke kareeb ayi aur usne kuch karne ki jagah uski chain ki bediyan kholne lagi. Aaruhi ko samajh nahi aa raha tha ki uske sath kya hone wala hai ya kya ho raha hai. Shruti ne deewar se chain ki bediyan khol di par hathon mein abhi bhi chain bandhi thi. Hath azad hote hi aaruhi ne jaise ek chain ki sans li, uske hath dard ki wajah se itne jada sunn ho gaye the ki khulte sath hi ek tees uske badan mein ghum gayi. Na jane kab se uske hathon ko bandha hua tha, vo puri tarah nille padh chuke the. Vo abhi us tees se guzar hi rahi thi ki shruti ne uske kandhon ko pakad kar use khada kar diya. Khade hote sath hi use laga mano vo gir jayegi. Peron mein ek pal ke liye jaan chali gayi thi par shruti ne aisa hone nahi diya.

" don't worry, abhi tumhe girne nahi dungi.. abhi to tumhari jarurat hai.. " shruti use aage le jane lagi. Aaruhi ke per dhime-dhime aage badh rahe the. Usne ek dafa vishal ko dekha jo behosh pada tha aur uske sar se khoon ris raha tha.

" Tum chinta mat karo aaruhi, mai tumhe tumhare simulation se azad kar dungi, tum hi nahi, tumhare har roop ko har multiverse se azad kar dungi. कोक aur विकोका ab tumhari wajah se creator ki is dunia mein aa payenge apne pura gyan ko lekar aur usi ke sath कलि ka janam hoga " shruti ki baat sun aaruhi use ek dafa ruk kar ghoorne lagi. Use samajh aa gaya tha ki shruti ne use abhi tak zinda kyun rakha hai.

" Sahi samajh rahi ho tum.. is kitab mein jo gyan hai vo sirf wahi prapt kar sakta hai jisme कलि ka ansh ho aur tum to usi ansh ka ek tukda ho bas ek insan ki kami hai jo maine dur kar di .. " shruti aaruhi ko pakad kar kitab ke najdeek le ayi jiski roshni mein uska ghabraya hua chehra jagmaga raha tha.

" samay aa gaya hai tumhe kisi se milwane ka " shruti jis waqt ka intezar kar rahi thi usne uspar dhayan diya aur aaruhi ke hathon ko chain se pakde rakha aur farsh par jo insan padi thi use uthane lagi.

" wake-up wake up... " vo uske baal sehlane lagi " dekho yahan kaun apka intezar kar raha hai " shruti ke aisa karne par us shaks ko hosh aane laga aur vo dhire-dhire uthne lagi.

" aaruhi.. hows my surprise.. " shruti jab aaruhi ke samne se hatti to usne dekha samne vo shaks tha jiske hath bandhe hue the, peron mein bediyan thi, muh par patti thi.

" hai na surprise? mujhe pata tha tumhe acha lagega... common aunty.. standup.. " urvashi na mein sar hilane lagi, vo hath kholne ke liye hath hila rahi thi. " Itni mehnat mat karo thodi der mein waise bhi azad ho jaogi... " shruti ne urvashi ko khud hi khada kar diya.

" now its time aaruhi, kitab par haath rakho " shruti ne aaruhi ko ishara kiya. Aaruhi ne nah mein sar hila diya.

" Hath rakho aaruhi... mujhe majbur mat karo ki mai kuch karun.. she can't tolerate.. i can gurantee you.. " shruti ne urvashi ke piche se baal pakad kar zor se khinch diye jise vo dard mein uchal padi. Uske muh se 'ghunn-ghumn' thuk nikal raha tha, uski ankhein dar ke mare puri tarah se khuli hui thi jisme se ansu nikal rahe the vo kuch kehna bhi chah rahi thi lekin muh par patti hone ki wajah se kuch jada kar nahi sakti thi. Uske muh se 'unghhh-ungghhh' hi nikal raha tha.

" put ur hand on the book aaruhi.. now.. " shruti itni zor se chillai ki uski awaz wahan kuch der gunjti hi rahi. Aaruhi ne turant apna hath book ke uppar rakh diya jiske sath uske hathon mein kuch chuba jiske sath ek halki chuban wala dard ka abhas use mehsus hua aur dekhte hi dekhte kitab mein hatheli ke nishan par khoon jama hona shuru ho gaya.

" ab apki bari.. "

" unghhh uuuunghhhhh " urvashi mana karne ke liye sar hila rahi thi lekin shruti ne akhir uske hath ko uthaya aur dusri hatheli ke bane nishan par rakh diya. Hateli ek dum satik baith gayi, shruti ke chehre par muskan ter gayi. Kitab ne ek jaisa aaruhi ke sath kiya tha waisa hi urvashi ki hateli ke sath kiya. Ek halka dard usko bhi mehsus hua aur hatheli ke nishan par khoon jama hona shuru ho gaya. Ye wahi book ka hissa tha jiske dahyine aur bayine aaur hatheli bani thi jiske baad hi kitab aage ki taraf khulne wali thi. Shruti ne urvashi ko chhod diya kyun ki vo janti thi ki jab tak book nahi chahegi ye dono hath nahi hata payenge.

" Ab tumhe samajh aya aaruhi, why i needed you? Kyun ki kitab sirf usi se khul sakti thi jiske ansh mein कलि ka kann ho jaise tumme hai, jo drug maine banaya tha jiske semen se tum paida hui aur dusra vo insan jisne us ansh ko paida kiya ho yani tumhari mom.. yani tum dono ise kholne ka ek matr zariya ho. " shruti ki muskan badi hoti jaa rahi thi. Kitab se ek aseem matra mein jagmag roshni tez prabhav se bahar nikal rahi thi. Aaruhi aur urvashi ki ankhein chaundia gayi lekin shruti mano us roshni ko pakar sukhad bhavna ka ehsas le rahi ho. Eka-ek vo roshni band ho gayi aur jaise hi aaruhi aur urvashi ko laga ki unka hath ab kitab ki pakad se azad ho gaya hai unhone fauran use khinch liya. Dono ke hatheli par kai jagah chote-chote gadhhe ho gaye the.

Shruti ne bina waqt gawaye dono ko kitab ke aage se hataya aur uske panne ko palatne ke liye uthaya par vo hila hi nahi. Use ek pal ke liye laga ki ye uska veham hai isliye usne ek pal ek dafa fir liya aur fir usne panne ko uthana chah lekin vo nahi khula.

" aisa kaise ho sakta hai.. this is not possible.. ye.. khul kyun nahi rahi.. " usne ek dafa fir se use uthane ki kosish kari.

" no no no.. ye kaise ho sakta hai.. kaise ho sakta hai.. its not possible... " shruti zor-zor se cheekhne lagi fir tabhi uske kano mein ek hansi ki gunj sunai di aur vo ek dum se shant ho gayi.

Usne piche mudh kar dekha to aaruhi hansi rahi thi " kyun hans rahi ho tum .... " shruti bahuklahat mein boli " kyun hans rahi ho tum " fir vo chillai lekin aaruhi ne hansa nahi chhoda vo hansti rahi jise dekh shruti ne apna apa khoya aur usko ek zor dar thapad de mara. Thapad itni zor ka tha ki aaruhi bayine taraf jhuk gayi, khoon ki do bund uske muh se nikli aur ek pal ke liye uski hansi ruk gayi par vo fir muskurati hui hasne lagi. Uski hansi ki gunz us khandar mein gunjne lagi.

" chup ho jaa.. band kar apni hansi.. " shruti ne uske balon ko kas kar pakadte hue uska chehra uppar ki taraf uthaya, uske honth ek taraf se kat gaye the jahan se khoon ris raha tha. Aaruhi ne shruti ko gaur se dekha aur fir muskura di jaise uski nakami par khilli uda rahi ho. Shruti ka gussa satve asman par pahunch gaya. Usne aaruhi ke balon ko usi tarah pakde rakha aur fir ek-ke baad ek thapad use marti chali gayi. Aaruhi dard mein karhate hue hans rahi thi aur khoon uske muh se pani ki tarah nikal raha tha. Kuch pal baad jab shruti thak gayi tab usne aaruhi ko khud hi chhod diya. Aaruhi ka sharir ek taraf jhuka hua tha aur khoon pani ki tarah muh se nikalta hua farsh par ikhata hone laga tha.

" unghhh... " aaruhi ne ek pal ke liye gehri sans khinchi aur ek baar vo fir hasne lagi. Isi ke sath use hansi ki gunj mein ek aur hansi judti nazar ayi.

" eeehh...aeeeee.hh.... heee.e... " vishal kisi tarah hasne ki kosish kar raha tha aur shruti ki ankhon mein dekh kar aur zor se hasne laga. Use shruti ke chehre par chayi haar ki behad kushi thi isliye vo hans raha tha.

Dono ko hansta dekh shruti ka gussa haddh se jada badh gaya. Usne bina waqt gawaye pehle aaruhi ke pet par laat de mari jiska prabhav itna jada tha ki aaruhi kuch kadam piche ki taraf ho gayi aur uske hath apne pet par chala gaya jiske sath hi vo ghutne ke bal wahin baith gayi. Ek pal ke liye uski hansi dard mein badal gayi par agle hi pal usne sans ikhata ki aur dhire-dhire fir hasna shuru kar diya.

Shruti se aaruhi ki hansi to bardasht nahi ho rahi thi uppar se vishal ki hansi uski aag mein ghee jaisa kaam kar rahi thi. Itne salon ki mehnat ki barbadi bardasht nahi ho rahi thi. Usne bina waqt gawaye vishal ki gardan par bandhi bediyun ki chain ko pakda aur khinchne lagi.

" hans .. ab hans.. " vishal shruti ko dekh aaur chatpatane laga mano abhi use khol diya jaye to abhi vo usse maar dale. Par shruti janti thi ki vo kya kar rahi hai. Vo chain ko aage ki taraf khinchti gayi jise vishal ka sharir aage ki taraf khinchne laga par uske hath aur per chain se bandhe hue the jiski wajah se uske sharir mein dard hone laga tha.

" na..ahi... " aaruhi ne jaise hi ye dekha to uski hansi ruk gayi aur usne dard mein hi apne sharir ko kisi tarah uthaya aur jab vo kar shruti ke pas pahunchi to usne ek pal bhi nahi lagaya aaruhi ko piche dhakelne mein. Aaruhi piche jaa giri. Uske sharir mein utni takat nahi thi ki vo shruti ka is samay samna kar paye aur vo janti thi ki ab aage kya hone wala hai.

Shruti ne vishal ko majbuti se aage ki taraf khincha.. " ab hansss.... " vo chillai.

" aargghhhhhhhh.. " vishal chikha, uski ankhon se dard bhare ansu nikle aur tabhi uska ek hath uske sharir se alag hua aur fir dusra jiske sath khoon ki fuvare hawa mein udte hue sabhi ke uppar uske chintte gir pade. Shruti ka chehra pura khoon mein san chuka tha, aaruhi ke uppar bhi uske khoon ke chinte the aur urvashi ke uppar jab vo chinte pade to vo cheekh padi par uski awaz muh mein hi dab gayi.

Vishal ka sharir nidhaal padte hue pet ke pal wahin jameen par gir pada, uska sharir abhi bhi tadap raha tha, ankhein puri tarah se khuli hui aur galle ki nase hil rahi thi mano akhri sansein le raha ho. Shruti kuch pal wahin khadi uske mrit sharir ko dekhti rahi fir uske kano mein awaz padi, usne nighaein us taraf ghumai to dekha urvashi apni peron ki bediyun ko todne ki kosish kar rahi thi. Ye dekh usne urvashi ko piche balon se pakad kar uthaya aur samne deewar par sar de mara. Ek baar, do baar, teen bar aur marti chali gayi jiske sath uska muh ki sabhi hadiyan tutne lagi aur uske chehre ki surat bigad gai, uska chehra aage se puri tarah se khatam ho chuka tha aur jab uski puri jaan nikal gayi tab usne uske sharir ko chhod dia jiske sath hi vo wahin zameen par gir gaya. Deewar par khoon behta hua niche jaa raha tha aur uske mans ke kuch tukde wahin chipke hue the. Shruti ki sans bahut tez chal rahi thi, uske hath aur chehra khoon se dhak chuke the. Vo samajh chuki thi ki urvashi aaruhi ki maa nahi hai isliye aaruhi ek baar bhi use bachane nahi ayi, vo yahan maat kha gayi thi bas ab use ye samjhna tha ki ye akhir hua kaise? Aur uska jawab sirf ab aaruhi ke pas tha aur vo ye bhi janti thi ki aaruhi ko abhi zinda rakhna jaruri hai taki vo uski asli maa ke bare mein jaan sake. Par bar-bar uske dimag mein ek hi sawal aa raha tha ki kaise? Kaise vo is baat se chukk gayi. Vo soch hi rahi thi ki mano aaruhi ne uski soch ko bhanp liya jiske sath hi uski awaz se shruti uski taraf palat gayi.

" tumhe kya laga mai yahan ayi aur tumse mili ye sab tumhare कलि ka plan tha han? " aaruhi khanste hue apni jagah se uthne lagi.

" yaad hai tumne kaha tha ki har kisi ki exsistance time mein jaruri hoti hai.. " aaruhi apni jagah par khadi ho gayi. uske chehre par ek hisse mein shruti ke mare gaye thapadon ke gehre nishan ban chuki the aur khoon uske honton ke niche jama ho chuka tha. Aaruhi ne ek dafa vishal ki laash ko dekha aur dusri taraf urvashi ki taraf jiska chehra koi phechan nahi sakta tha, maas ke tukde uske chehre ke as pas bikhar kar usi ke khoon mein dub chuke the.

" aur tum hi use bhul gayi.. apne lalach ki wajah se.. " Ek pal ke liye khandar mein sirf jalte hue bulb ki 'zar--zarr' awaz gunjne lagi.

" Maire yahan ane ki vajah mere pita... ved sharma the " jaise hi aaruhi ne ye lafz kahe, shruti ki ankhein badi ho gayi. Use samajh nahi aya ki abhi jo usne suna vo sahi tha ya fir ek dhoka.

" chaunko mat.. ab tumhari bari hai meri kahani sunne ki aur uske baad hi mai tumhe marungi... " aaruhi do kadam aage badhi.
 
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romanchak Update. kitab ko kholne ke liye kali ka ansh jo aaruhi hai aur uski maa ki jarurat thi .par shruti ke kiye karaye par pani fir gaya hai 😁..
ab aaruhi kya raaz kholegi dekhna rochak honewala hai .ved sharma ki beti hai aaruhi par maa urvashi nahi hai 🤔🤔.. to fir kaun hai uski asli maa .
aaruhi to nakami par hans rahi thi par vishal kyu hans raha tha ? kya usko bhi sab pata tha ..
dono ko maar diya par aaruhi uske liye jyada important hai .

waise us kitab ko kholne se kya honewala hai ye bhi jaanna hai .Kya kitab se niklenge kali ke bete aur baadme wo kali ko layenge ..

waiting hai aaruhi ke apne raaz kholne ki ..
 

Aakash.

ᴇᴍʙʀᴀᴄᴇ ᴛʜᴇ ꜰᴇᴀʀ
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आरोही कि माँ उन बुरे लोगों के कुकर्म की वजह से प्रेगनेंट हुई और जहा बुराईयां पनपती है वहां कलि का रूप होता है इसीलिए आरोही के अंदर कलि का अंश है वह सर्वोत्तम है कलि को उसके समय से बाहर निकालने के लिए जिससे वह आज के समय मे आ सके जब वह पहले के मुकाबले कई गुना ज़्यादा ताक़तवर है और निर्माता से अपना बदला ले सके इससे ये बात समझ मे आती है कि क्यूँ श्रुति ने अब तक आरोही को नहीं मारा और क्यों उसे आरोही कि जरुरत है उर्वशी ने आरोही को जन्म दिया है इसीलिए आरोही के बाद उसकी भी जरूरत है उस शैतानी किताब को खोलने के लिए ऐसा श्रुति का मानना था लेकिन अंत मे सबकुछ बदल गया :laughing: इतने सालों की मेहनत समय सबकुछ व्यर्थ हो गया :roflol:

अब कुछ सवाल जिनका जवाब शायद अगले अपडेट में मिल जाएगा जैसे आरोही कि रियल माँ कौन है और क्या वह जिंदा भी है कहीं आरोही कि माँ वंदना तो नहीं है और आरोही उर्वशी के साथ क्यूँ रह रही थी, आरोही के पिताजी वेद शर्मा है मतलब जिनकी वजह से श्रुति इस काम को अंजाम दे पाई है तो क्या उन्होंने ही इस किताब को वहां छिपाया था और आरोही के पिता है कहा और आरोही के पिता अगर वेद शर्मा है तो उसे यह कहानी तो पहले से ही पता थी :shocked: अब आएगा मजा कहानी का यह twist बहुत मजेदार होने वाला है जल्दी से अगला भाग पोस्ट करो :yay:
 
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